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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान: सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रसव पूर्व जांच का आयोजन..

पूर्णिया, बिहार दूत न्यूज।
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित ओपीडी सहित जिले के सभी अनुमंडलीय अस्पताल, रेफ़रल, सीएचसी, पीएचसी एवं यूपीएचसी में गर्भवती महिलाओं की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का अयोजन कर प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच की जाती है।

जहां गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य से संबंधित जांच करने के बाद आवश्यकतानुसार चिकित्सीय परामर्श भी दी जाती है। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां सहित कई अन्य आवश्यक चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया जाता हैं। ताकि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिल सके और मातृ-शिशु मृत्यु दर पर विराम सुनिश्चित करने में कोई कठिनाई नही हो।

-आयरन युक्त आहार में अंकुरित अनाज लाभकारी: एमओआईसी
माता स्थान स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार झा ने बताया गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर खान पान के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। ताकि गर्भवती महिलाएं पूरी तरह से स्वास्थ्य रहें। इसके साथ ही महिलाओं में एनीमिया की शिकायत दूर भी होती हैं। गर्भधारण के समय से ही गर्भवती महिलाओं को ताजी पत्तेदार हरी सब्जियां, पालक, बथुआ एवं चना का साग के साथ ही गुड़ सहित पौष्टिक आहार का सेवन सबसे ज़्यादा करना चाहिए। खासकर खून की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को आयरन युक्त भोजन करने से
जच्चा व बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य रहता हैं। इसके लिए आयरन युक्त भोजन के रूप में गाजर, टमाटर, खजूर, अंजीर, किशमिश, छिलका वाला आलू, ब्रोकली, अखरोट, मूंगफली, चुकंदर, अंकुरित बीज, दलिया सहित अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को ताजे फल और दूध का भी सेवन करते रहना चाहिए।

-गर्भवती महिलाओं को नियत समय पर जांच कराना अतिआवश्यक: डॉ नेहा
शहर के माधोपारा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नेहा कुमारी ने बताया महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग एवं सचेत रहना उस समय अतिआवश्यक हो जाता है, जब वे गर्भवती रहती हैं। क्योंकि उनके स्वस्थ्य रहने मात्र से ही उनके पेट में पल रहे नवजात शिशु का स्वास्थ्य निर्भर करता है। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान प्रसव से पूर्व समय-समय पर 4 जांच कराना अतिआवश्यक होता है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को टेटनस का टीका भी गर्भावस्था के दौरान अवश्य लेना चाहिए। महिलाओं के शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून की स्थिति बनी रहे इसके लिए उन्हें आयरन एवं फॉलिक एसिड गोली के साथ ही हरे पत्तेदार सब्जियों का भी सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए। ताकि प्रसव के समय एनीमिया की कमी नहीं हो। जिसमें खून जांच, हीमोग्लोबिन, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर सहित कई अन्य तरह की जांच महिला रोग विशेषज्ञ, प्रशिक्षित स्टाफ़ नर्स के द्वारा की जाती हैं।

-पीएमएसएमए का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को होने वाली जटिलताओं से बचाना: केयर इंडिया
केयर इंडिया के डीटीओ (ऑन) अमित कुमार ने बताया जब तक गर्भवती महिलाएं स्वस्थ्य एवं सुरक्षित नही होंगी तब तक नौनिहालों के भविष्य की कामना करना बेमानी साबित हो सकता है। जच्चा व बच्चा को स्वस्थ्य रहने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। जिसके तहत प्रत्येक महीने के 9 वे दिन सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष रूप से कैंप का आयोजन किया जाता है। आज के दिन गर्भवती महिलाओं की सभी तरह की आवश्यक जांच की जाती है। इसके साथ ही प्रसव पूर्व होने वाली जांच के बाद आवश्यकतानुसार चिकित्सीय सलाह एवं दवाइयां निःशुल्क दी जाती हैं। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं एवं साथ में आये परिवार के अन्य सदस्यों को प्रसव से संबंधित जोखिमों की जानकारियों से अवगत भी कराया जाता है। समान्य प्रसव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जाती है। लेकिन जांच के समय जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान की जाती है। क्योंकि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को होने वाली जटिलताओं से उन्हें बचाना होता है। विशेष रूप से जटिलताओं के कारण जच्चा एवं बच्चा को होने वाली हानि कम करना है। गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के बाद उच्च रक्तचाप होना सामान्य प्रक्रिया होती है। जिसका उचित प्रबंधन प्रसव तक किया जाना आवश्यक है।

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