खगड़िया, बिहार दूत न्यूज।
बिहार में भाजपा ने जिस प्रकार से शराबबंदी कानून का मखौल उड़ाया है, वो घोर निन्दनीय है।
इस बाबत जनता दल यूनाइटेड भाजपा के गैरजिम्मेदारना हरकत का घोर भर्त्सना करती है।वाकई में महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण के साथ आत्मनिर्भर हेतु लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा शराबबंदी, बाल विवाह व दहेज उन्मूलन, विधवा पुनर्विवाह,भ्रूण हत्या पर रोक एवं जीविका इत्यादि किये जा रहे बेहतर कार्यों की गति अवरूद्ध करने के लिए बीजेपी खा-में-खा साजीशन दु:साहष करते रहती है।बीजेपी के हरकत से मातृशक्ति का घोर अपमान ही नहीं अपितु ये शराबबंदी कानून पर सवाल उत्पन कर एक बार फिर से तरक्की के पथ पर अग्रसर महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से कमजोर करने की बहुत बड़ी चाल चल रही है।बीजेपी के चाल से बिहार ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत वासियों को बचना चाहिए और इसका प्रतिकार करना चाहिए।उक्त बातें रविवार को जदयू कार्यालय में उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए जदयू के जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने कही।
श्री मंडल ने कहा कि विगत पटना में प्रकाश पर्व के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो शराबबंदी कानून लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जमकर प्रशंसा किये थे और इसे सख्ती से पालन करने के लिए सबों को सहयोग करने पर बल दिये थे।परन्तु छपरा में प्रतिबंधित पेय पदार्थ के सेवन से मृत्यु होंने पर बीजेपी के द्वारा मुआवजा देने की मांग की जा रही है जो कतई उचित नहीं है।पहले बीजेपी शासित प्रदेशों में वैध व अवैध शराब पीने से सर्वाधिक मौतें हुई है वहां मुआवजा दिये हैं क्या? नहीं दिये हैं तो बिहार में लवर- लवर बोल कर कानून का मजाक मत बनायें बीजेपी। बेशर्मी का भी हद होता है जिस हदें को बीजेपी पार कर रही है।सही आंकड़ा को सुनने के लिए तैयार नहीं है।सही आंकड़े की तरफ झांकने में शर्माती है भाजपा।उल्टे बिहार को बदनाम करने पर तुले हुए है।जबकि सर्वविदित है कि वर्ष 2013 से 2021 तक बीजेपी शासित राज्य गुजरात में 105 ,कर्नाटक में 1222,उत्तर प्रदेश में 678 एवं मध्यप्रदेश में 1799 व्यक्ति जहरीले और गैर जहरीले शराब के सेवन करने से स्वर्ग सीधार चुके हैं ।एक आंकड़े का मीडिया के बन्धु खुब चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह अवैध और वैध शराब पीने से दर्जनों गुणा अधिक संख्या में मरने वालों में बीजेपी शासित राज्य अव्वल है।भाजपा अप्रत्यक्ष रूप से महिला,अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति,अल्पसंख्यक पासमान्दा तथा पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के पकिया विरोधी है।इसलिए बीजेपी चाहती है कि शराबबंदी कानून हट जाय और इन सभी वर्गों के लोगों को मदिरापान करा कर दबाये रखेंगे और प्रगति के मार्ग से अलग रखेंगे।लेकिन ऐसा नीतीश कुमार कतई होंने नही देंगे।