संजय भारती , समस्तीपुर
समस्तीपुर जिला के हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के सिघिंया प्रखण्ड होकर गुजरने वाली करेह नदी के बायें तटबंध में परी दरारें एवं रेन कट से जनजीवन नित्य हो रहे हैं चोटिल को देखकर भी स्थानीय प्रशासन से लेकर विभागीय प्रशासन मुक दर्शक बना हुआ है ।
बताया जाता है कि करेह नदी का वाया ततटबंध में सैकरो जगहो पर बांध में बड़े बड़े दरारें है जिसमें बच्चे बूढ़े तो क्या जवान एवं जानवर भी गढ़े में समा जाते हैं । जल संसाधन विभाग द्वारा बांध के निर्माण के लिए कार्य का आवंटन किया जा चुका है पर संवेदक द्वारा संचालित निर्माण कार्य को मरम्म्ती कार्य बता कर गत वर्ष कार्य किया था । जो बरसात के मौसम में रेन कट की भेट चढ़ गया । दबंग संवेदक के समाने विभागीय अधिकारियों की कुछ नहीं चलती या लुट में विभाग की भी हिस्सेदारी है , जो जांच का विषय बनता है । बांध के निर्माण में हो रहे लेट लतिफ के कारण राज्य सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं तथा राजघाट पुल एवं सागी-सत्ती सड़क भी उद्धाटन का आस देख रही है । पथ निर्माण , पुल निर्माण एवं जल संसाधन विभाग के आपसी संबंधों के अभाव में जन जीवन प्रभावित हो रहा है ।उदहारण स्वरुप पुल का एप्रोच पथ को बांध के स्टेन्डर हाईट में जोरना है लेकिन बांध का स्टेन्डर हाईट पुल के स्टेन्डर हाईट से तकरीबन दो मिटर निचे है । फलतः पुल संवेदक वर्तमान बांध के हाईट में एप्रोच पथ को मिला दिया । यही हाल सागी -सत्ती पथ का भी है । परिणाम स्वरूप बांध का कार्य होने पर पुल और सड़क का एप्रोच निचे हो जायेगा ।बाबजूद इन समस्याओं पर सरकारी नुमाइंदा ध्यान नहीं दे रहे हैंं । आखिरकार लोक कल्याणकारी योजनाओं से क्यो लोग परेशान हैं । पुनर्निर्माण की योजना क्यों भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा है? सरकारी नुमाइंदा क्यों दिम्मक की तरह जीवन दाईनि अपने विभाग को ही नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं? इसे जनप्रतिनिधि भी नजरंदाज ना कर जनता की समस्या को देखते हुए इस पर जांच करावें।