संजय भारती , समस्तीपुर।
समस्तीपुर जिला के सिघिंया प्रखण्ड के कुण्डल पंचायत के वरिष्ठ पत्रकार चन्दन कुमार सिंह सिघिंया में लगे जलमीनार को लेकर कहते हैं कि जलमीनार सिघिया प्रखण्ड मुख्यालय में मुख्यमंत्री नलजल योजना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ी हुई है , करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं मिल पा रहा है दो बूंद जिन्दगी के लिए जल । उन्होंने कहा कि लोगों की माने तो लोक स्वास्थ अभियंत्रण विभाग के अंतर्गत लगाये गए नल जल योजना वर्षौ बाद भी अधूरा है ।
बताया जाता है कि तकरीबन दो दशक पूर्व पी एच डी द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिये ग्रामींण जलपूर्ति योजना के तहत पाईप लाईन बिछाया गया था । लेकिन जलपूर्ति नहीं हो पाया ।
पुन: पीएचडी के द्वारा जला आपूर्ति के लिये टावर का निर्माण कराया गया । लेकिन पुराने पाईप लाईन के कारण वर्षो बाद भी जलापूर्ति नहीं हो रही है । प्रखंड प्रशासन के नाक तले मुख्यमंत्री के कल्याणकारी योजना का यह हर्ष आखिर क्या दर्शाता है? 1980 के दशक में लगाये गये ग्रामीण जल आपूर्ति योजना 2022 तक पुर्ण नहीं हो पाया है । लेकिन इन 35-40 वर्षो में योजना का नाम बदल कर बड़े पैमाने पर राशि का बन्दर बाँट हुआ है । आखिर कहाँ गुम है निगरानी विभाग , कहाँ लुप्त है जनप्रतिनिधी , क्यों मुख दर्शक बना हुआ हैं प्रखंड के रहनुमा? क्यों उग्र नहीं हो रही है योजना के लाभार्थी? कुल मिलाकर हर कोई अपने निजी लाभ से ऊपर उठना नहीं चाहता है । परिणाम स्वरूप जनकल्याणकारी योजनाओं में लुट खसोट जारी है जिसे देखने वाला कोई नहीं है ।