संजय भारती , समस्तीपुर।
समस्तीपुर जिला के हसनपुर विधानसभा के वरिष्ठ भाजपा नेता सह हसनपुर प्रखण्ड के पूर्व प्रखण्ड प्रमुख सुभाषचंद्र यादव बिहार किसानों के लिए खाद एवं अन्य समस्या को लेकर कहते हैं कि कृषि प्रधान बिहार राज्य में आये दिन खाद के लिए किसानों की लम्बी कतार लगी है । वहीं राज्य भर के किसान कालाबाजारियों से यूरिया खाद लेने को विवश हैं । सूबे के किसान मृत पड़े सिंचाई योजना से संघर्ष कर अपने फसल को निजी नलकूपों के सहारे सिंचाई कर भी लिया तो अब यूरिया के लिये संघर्ष झेल रहे हैं । लेकिन सरकारी रहनुमा चैन की बंसी बजा रहे हैं । किसानों की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कृषि विभाग बनाया गया है जो किसानों की समस्या को दूर कर उच्च पैदावार करने तथा किसानों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए है , पर राज्य भर में हो क्या रहा है? व्यापारी किसानों को दो गुने कीमत पर यूरिया बेच रहा हैं और राज्य के कृषि पदाधिकारियों के कान पर जू नहीं रेग रहा है । सूबे के पीड़ित किसान संगठित नहीं हो रहें परिणाम स्वरूप रखवाले ही किसानों का शोषण कर रहे हैं । वरिष्ठ भाजपा नेता सुभाषचंद्र यादव ने सवालिया लहजे में कहा क्यों किसानों की समस्या पर कृषि प्रधान राज्य के मुखिया मौन है? सूबे के 90 फीसदी सिंचाई परियोजनाओं को क्यो चालू नहीं किया जा रहा हैं? क्यों राज्य भर में कृषि विद्युत आपूर्ति योजना पीछे चल रही है? कौन लेगा इन समस्याओं की जिम्मेदारी? कौन बनेगा किसानों के रहनुमा । आखिर क्यों नहीं किसान संगठित होकर अपने समस्या पर सामूहिक निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं? किसानों को अपनी समस्या के लिये जहाँ सजग होना होगा वही सरकार को भी किसानों के लिये समय रहते निस्वार्थ भाव से जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर लाना होगा । अन्यथा बिहार का किसान पिछड़ा हुआ रहेगा तो बिहार कभी अगड़ा राज्य के श्रेणी में नहीं सकता ।