बिहार दूत न्यूज, खगड़िया।
जिलाधिकारी सह प्रधान गणना पदाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में बिहार जाति आधारित गणना 2022 के प्रथम चरण के संपादन हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया।
जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर समाहर्ता मोहम्मद राशिद आलम, उप विकास आयुक्त संतोष कुमार सहित अनुमंडल पदाधिकारी गोगरी, खगड़िया सहित सभी संबंधित चार्ज पदाधिकारी सहायक चार्ज पदाधिकारी एवं फील्ड ट्रेनर शामिल हुए।
जिला स्तर पर गठित कोषांगों के वरीय पदाधिकारी भी प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित थे। प्रशिक्षण अपर समाहर्ता सहित जिला सांख्यिकी पदाधिकारी आनंद प्रकाश, जिला कल्याण पदाधिकारी सुरेश कुमार एवं जिला आईटी प्रबंधक बमबम कुमार द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना, 2022 का सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी हितधारक सजग, तत्पर एवं सतर्क रहकर इस कार्य का संचालन करें। जाति आधारित गणना एक वृहद एवं महत्वपूर्ण कार्य है। अभी तक किसी भी राज्य को इसे समयबद्ध एवं व्यवस्थित तरीके से संपादित करने एवं इसके आंकड़ों को प्रकाशित करने में सफलता नहीं मिली है। पूरे देश की इसपर नजर है। बिहार ने अभी तक कई असंभव कार्य किए हैं और इस कार्य को भी हम संभव कर दिखाएंगे। इसकी समयबद्धता, महत्ता एवं अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यों को ससमय एवं सफलतापूर्वक निष्पादन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र इस उद्देश्य हेतु सक्रिय एवं प्रतिबद्ध है। जाति आधारित गणना के आंकड़े विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं के सूत्र में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
जाति आधारित गणना में बिहार के सभी जातियों से संबंधित वास्तविक आंकड़े प्राप्त करने के उद्देश्य से बिहार में निवास करने वाली सभी जातियों की गणना की जानी है। अतः सभी गणना कर्मियों को अपने उत्तरदायित्व को पूरी लगन और सत्यनिष्ठा से निभाना होगा।
पुनरीक्षित कार्यक्रम के अनुसार जाति आधारित गणना कार्य 31 मई, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना है।
जाति आधारित गणना के दौरान आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के सभी व्यक्तियों का जाति आधारित गणना किया जाना है, चाहे वो किसी भी जाति या संप्रदाय के हों। गणना के समय बिहार के वैसे निवासी जो किसी कारणवश राज्य या देश से अस्थायी प्रवास की स्थिति में हों, उनकी भी गणना की जायेगी। किसी भी परिस्थिति में प्रपत्रों अथवा मोबाइल ऐप में उप-जाति की प्रविष्टि नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रगणक और पर्यवेक्षक गणना के दौरान आंकड़े संग्रहण के लिए जिम्मेदार प्राथमिक गणना कर्मी हैं। लगभग 700 आबादी का कार्य एक प्रगणक को सौंपा गया है। प्रत्येक पंचायत या नगर पालिका या नगर निकाय में यदि किसी वार्ड की आबादी 700 से कम होगी, तो वहाँ एक प्रगणक और 700 से अधिक होने पर क्रमशः उप गणना ब्लॉक बनाते हुए प्रत्येक उप गणना ब्लॉक में एक एक प्रगणक की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक छः(6) प्रगणकों के कार्यों के पर्यवेक्षण हेतु उनके ऊपर एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
संक्षिप्त मकान सूची से संबंधित प्रपत्र में मकान सूचीकरण एवं नंबरीकरण के समय परिवारों की मकान सूचना संकलित की जानी है। इस सूचना के आधार पर मकान गणना के कार्य में घर-घर जाकर गणना का कार्य किया जायेगा, ताकि कोई परिवार या घर गणना के कार्य में नहीं छूटे।
अपर समाहर्ता ने इस अवसर पर कहा कि सभी सम्बद्ध पदाधिकारियों एवं कर्मियों को जाति आधारित गणना के विभिन्न आयामों एवं अवयवों से पूरी तरह अवगत होना आवश्यक है। सभी चार्ज पदाधिकारी, सहायक चार्ज पदाधिकारी एवं फिल्ड ट्रेनरों जाति आधारित गणना के संपादन से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं को अच्छी तरह समझ लें। उन्हें अपने अपने चार्जों में प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को भी प्रशिक्षण देना है।
बिहार जाति आधारित गणना, 2022 निम्न दो चरणों में सम्पन्न होगीः-
प्रथम चरण में मकान सूचीकरण का कार्य करना है। इसके अंतर्गत निर्धारित गणना क्षेत्र में प्रगणक नक्शा तैयार करते हुए मकान नम्बरीकरण एवं संक्षिप्त गृह सूची को तैयार किया जाना है। द्वितीय चरण में वास्तविक गणना कार्य किया जाना है, जिसके अंतर्गत जातियों की गणना की जाएगी।
मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान जाति आधारित गणना के कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि गणना में कोई भी आवासीय घर या परिवार छूटना नहीं चाहिए और ना ही दो गणना खंडों में उसे शामिल किया जाना चाहिए। गणना कार्य में प्रत्येक निवासी को शामिल किया जाना चाहिए। प्रत्येक परिवार के पूर्ण सहयोग पर ही गणना कार्य की सफलता निर्भर है। गणना के दौरान सभी लोगों से सहज एवं विनम्रता से बात करते हुए आंकड़े प्राप्त किए जाने चाहिए।
सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई जातियों की सूची के सत्यापन का कार्य सभी चार्जों से किया गया है। गणना वार्डवार (शहरी एवं ग्रामीण) की जानी है। आँकड़ों का संग्रहण हाइब्रिड मोड में होना है। हार्ड कॉपी में उपलब्ध कराए गए प्रपत्रों पर सभी परिवारों के मुखिया से जानकारी प्राप्त करने के उपरांत उनका हस्ताक्षर भी लिया जाना है और तदुपरांत इसकी प्रविष्टि मोबाइल ऐप पर की जानी है।
प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों एवं कार्यपालक पदाधिकारियों को क्रमशः ग्रामीण एवं नगरी चार्जों में चार्ज पदाधिकारी बनाया गया है। ग्राम पंचायतों एवं शहरी निकायों के वार्डों को गणना हेतु प्रारंभिक इकाई (गणना ब्लॉक) माना गया है अर्थात वार्ड को गणना ब्लॉक के रूप में घोषित किया गया है। अगर किसी वार्ड की जनसंख्या 700 से अधिक है तो वैसी स्थिति में उपगणना ब्लॉक का निर्माण किया गया है। जनसंख्या में वार्षिक या दशकीय वृद्धि दर के आधार पर वर्तमान जनसंख्या का आकलन कर गणना ब्लॉक का गठन किया गया है। खगड़िया जिला अंतर्गत कुल 13 चार्ज (7 प्रखण्ड, 5 नगर निकाय ) हैं। कुल चार्ज पदाधिकारी हैं। सभी चार्जों में जिला स्तरीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षित फील्ड ट्रेनरों द्वारा प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। एक प्रगणक को एक ही गणना ब्लॉक/उप गणना ब्लॉक में लगाया जाना है। प्रत्येक छः प्रगणकों पर एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जा रही है।
प्रशिक्षण के दौरान चार्ज पदाधिकारियों एवं फील्ड ट्रेनरों को जाति आधारित गणना में प्रयोग होने वाले विभिन्न प्रकारों के प्रपत्रों का परिचय एवं उनके प्रारूप के बारे में बताया गया। बिहार जाति आधारित गणना के कार्यान्वयन हेतु गणना कर्मियों की नियुक्ति से लेकर कार्य समाप्ति के उपरांत समर्पित किये जाने वाले प्रमाण-पत्रों की आवश्यकता होती है। प्रथम चरण में कुल नौ प्रकार के प्रपत्र भरे जाने हैं। सभी प्रपत्रों को सही-सही एवं त्रुटिरहित तरीके से भरा जाए। फिल्ड ट्रेनरों को नजरी नक्शा तैयार करने, भवन एवं मकान नंबरीकरण के साथ संक्षिप्त मकान सूची के संबंध में विशेष रुप से प्रशिक्षण दिया गया।
जाति आधारित गणना कार्य के दौरान सभी ट्रेनर/प्रगणक और पर्यवेक्षक संबंधित चार्ज पदाधिकारी द्वारा निर्गत परिचय पत्र के साथ क्षेत्र में जाना चाहिए। प्रथम चरण का गणना कार्य 7 जनवरी 2023 से 21 जनवरी 2023 तक चलेगा। सभी प्रकारों को को नजरी नक्शा तैयार करते हुए अपने प्रगणण खंड की चौहद्दी स्पष्ट रूप से सीमांकित कर लेनी चाहिए।
गणना कार्य में जाते समय सर्वप्रथम गणना ब्लॉक/उप गणना ब्लॉक की पूर्ण पहचान कर लें। प्रपत्र इत्यादि के भरने हेतु काले रंग का बॉल पेन का उपयोग किया जाना अनिवार्य है। प्रपत्रों में अंक भरते समय अंक पद्धति का प्रयोग अनिवार्य है। प्रपत्र पर अंक भरते समय पूरी सतर्कता बरती जाय कि अंकों को बताये गये रूप में इस प्रकार भरा जाय कि अंक बॉक्स के केन्द्र में अंकित हो। गणना क्षेत्र के प्रत्येक भवन एवं मकान चाहे, वो पूर्ण आवासीय हों, आंशिक आवासीय हों या गैर आवासीय हों, का भ्रमण गणना कर्मियों द्वारा किया जाना अनिवार्य है एवं इनका स्पष्ट अंकन प्रगणक द्वारा अपने नगरी नक्शे में किया जाना अनिवार्य है। प्रपत्रों में लोकेशन कोड एवं अन्य कोड भरते समय पूरी सतर्कता बरती जाय तथा सुनिश्चित किया जाय कि कोड डायरेक्टरी में अंकित उस क्षेत्र/प्रश्न से संबंधित कोड ही भरे गए हैं।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षुओं द्वारा उठाए गए शंकाओं का समाधान किया गया। जिला स्तरीय प्रशिक्षण के उपरांत चार्ज स्तरीय प्रशिक्षण में प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए प्रथम चरण के जाति आधारित गणना का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।