संजय भारती , समस्तीपुर
समस्तीपुर नगर निकाय चुनाव में मतदाताओं एवं प्रत्याशियों ने लोकतंत्र की खूबसूरती का नजारा पेश किया ।
जहां मतदाताओं ने बिहार के सत्ताधारी पार्टी के कद्दावर नेता और बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी की पत्नी संध्या हजारी को समस्तीपुर नगर निगम चुनावी महासमर में पटखनी दे दी । वहीं दूसरी ओर नगर निगम के वार्ड संख्या 38 से कभी बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री और लालू प्रसाद यादव के चहेते रहे रामाश्रय सहनी वार्ड पार्षद पद का चुनाव लड़ा और उसमें उन्होंने जीत दर्ज की । वहीं महेश्वर हजारी की पत्नी व मेयर पद की प्रत्याशी संध्या हजारी की हार में कई महत्वपूर्ण फैक्टर रहे जिससे उनकी हार परिणाम से पूर्व ही तय हो गई थी । जिसमें मतदाता समस्तीपुर नगर निगम के मेयर पद को आरक्षित करवाने का दोषी महेश्वर हजारी को मान रहे थे और इसको लेकर मतदाताओं में काफी आक्रोश भी व्याप्त था । वहीं मतदाताओं में इस बात को लेकर भी काफी आक्रोश था कि सारे पदों पर एक ही परिवार के लोग कैसे विराजमान हो सकते हैं । जिसको लेकर संध्या हजारी की हार में समस्तीपुर भाजपा के द्वारा मेयर पद की प्रत्याशी कांग्रेस नेत्री अनीता राम को खुलकर मदद करना तथा किरण कुमारी एवं सुनीता देवी ने उम्मीद से अधिक वोट लाकर संध्या हजारी की हार की रही-सही कसर पूरी कर दी । आपको बता दें कि मेयर पद की विजयी प्रत्याशी अनीता राम को कुल 26016 मत प्राप्त हुए तो दुसरे स्थान पर अनीता देवी रही जिन्होंने 14455 मत प्राप्त किया तो वहीं संध्या हजारी 13375 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान रही । सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रिजल्ट अनीता देवी का रहा और वह दूसरी सबसे ज्यादा मत करने वाली प्रत्याशी रहीं । वहीं उप मेयर के पद के प्रत्याशी राम बालक पासवान ने 17279 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुजय कुमार को 8610 मतों के भारी अंतर से पराजित कर उप मेयर के पद पर कब्जा जमाया । आपको बता दें कि जैसे-जैसे रुझान सामने आ रहे थे वैसे-वैसे अनीता राम के समर्थकों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा था और संध्या हजारी के समर्थकों में मायूसी छाती जा रही थी । दोपहर 1:00 बजे तक आए रुझानों ने पूरी तरह से साफ कर दिया था कि समस्तीपुर नगर निगम क्षेत्र के मतदाता परिवारवाद की राजनीति को पूरी तरह से नकारते हुए एक नई इबारत लिखें हैं और जिसमें अनीता राम को समस्तीपुर नगर निगम की प्रथम मेयर होने का गौरव प्राप्त हुआ है । ऐसा नहीं था कि इन परिस्थितियों को बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी नहीं समझ रहे थे । मतदान से एक दिन पूर्व से ऐसी खबरें आई थी कि सारी स्थितियों को समझते हुए महेश्वर हजारी अपनी पत्नी संध्या हजारी को मेयर पद का चुनाव जिताने को लेकर अपने अभियान का ऐसा गियर बदल रहे थे कि रातों-रात सारे अनुमान और कयास बदल जाएंगे , लेकिन हुआ इसका उल्टा । क्योंकि इससे पूर्व भी वह चुनावी रणनीति और प्रबंधन का नमूना बीते विधानसभा चुनाव में पेश कर चुके हैं । जब मतदाताओं में व्याप्त घोर नाराजगी और विकट परिस्थिति को पाटते हुए उन्होंने अपनी जीत में बदल दिया था । सूत्रों की माने तो इस चुनाव के साथ-साथ महेश्वर हजारी 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए थे । वहीं इस चुनाव में भारी शिकस्त खाने के बाद उनके अभियान को एक बड़ा धक्का लगा है । राजनीतिक मामलों पर पकड़ रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार महेश्वर हजारी आगामी लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे और वहीं कल्याणपुर विधानसभा सीट की उम्मीदवारी अपने बेटे को सौंपने की रणनीति पर काम कर रहे थे ।