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सर्द मौसम में बरतें सावधानी: डॉ अजीत कुमार.

संजय भारती , समस्तीपुर।

बिहार समेत अन्य हिस्सों में बढ़ रहे शीतलहर को लेकर समस्तीपुर जिला से हसनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के मरांची उजागर ग्राम के आईजीआईएमएस पटना में पदस्थापित प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर अजीत कुमार कहते हैं कि पूरे बिहार में पछुआ हवा का प्रकोप लगातार जारी है । जिससे सर्दियों में हमारी इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है ।

इसके चलते हम आसानी से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं, जिसकी वजह से हमें सर्दी – जुकाम से लेकर वायरल फीवर की चपेट में आ सकते हैं । ऐसे में हम सभी को सर्दी में खुद का ख्याल रखना बेहद जरूरी है । उन्होंने कहा कि कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए इस मौसम में सेहतमंद रहा जा सकता है । डॉक्टर अजीत कुमार बताते हैं कि कई तरह के संक्रमित बीमारियों से बचाव को लेकर रहें सतर्क , खासकर शीतलहर के दौरान अपने शरीर को सर्द हवाओं से बचाना बेहद जरूरी है । इस लिए सर्द की मौसम में जब भी आप घर से बाहर निकलें , तो पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर ही निकला करें और कान , गले एवं सिर को ठंड से बचाकर रखना बेहद जरूरी है । समय समय पर आप अलाव या हीटर का भी सावधानी से इस्तेमाल कर सकते हैं । उन्होंने बताया कि अपने खानपान में उचित बदलाव करते हुए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना चाहिए । इसके अलावा शीतलहर वाले मौसम में ज्यादा से ज्यादा गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन करना चाहिए । सर्द के मौसम में अंडे, गुड़, लहसुन, अदरक, हल्दी, मेथी और खजूर आदि का सेवन करना काफी लाभदायक है । डॉक्टर अजीत ने कहा कि बच्चों के सिर को हमेशा टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए । सर्दी के मौसम में बच्चों को ठंड लगने पर सर्दी – जुकाम, बुखार के साथ – साथ स्किन का फटना, ड्राइनेस सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है । इससे बचाव के लिए उन्हें सही तरह से ढक कर रखने के साथ – साथ पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाने की जरूरत है । उन्होंने बताया बच्चों को सबसे अधिक ठंड उनके सिर , तलवे , नाक व हाथों में लगती है । आपको अपने बच्चों के सिर को हमेशा टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए । इसी तरह मोजे पहनाना, बच्चों के नाक को गर्म हाथों से मालिश व पूरे शरीर को गर्म तेज हाथों से मसाज कारगर उपाय है । बच्चों के हाथों को ढक कर रखना भी जरूरी है । दिन व रात में सोते समय स्वेटर , मोजे व टोपी उतार कर सुलाना बच्चों की सेहत के लिए अच्छा होता है । डॉक्टर अजीत कुमार ने बताया कि मां के शरीर से मिलने वाली ऊर्जा से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मिलता है बढ़ावा । उन्होंने कहा कि गृहिणी माता को चाहिए कि ठंढ के मौसम में नौनिहालों को गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए । सुबह में ठंडी हवा के कारण हाथों में ठिठुरन , शरीर में कंपन से बचाव के लिए हलके गुनगुने पानी का सेवन अधिक से अधिक करने के साथ ही गर्म पानी से ही बच्चों को नहलाएं । दिन में नौनिहालों को सरसों तेल से मालिश कर धूप का सेक अवश्य करें । चिकित्सक अजीत ने कहा कि ठंड से बचाव के लिए शिशुओं को सीने से लगाकर रखना चाहिए । मां के शरीर से मिलने वाली ऊर्जा नवजात के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा देती है । उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से धूप तो खिल रहा है लेकिन कनकनी में इजाफा हुआ है । जो शिशुओं व बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है । ऐसे में उचित देखभाल से ही उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है । डॉक्टर अजीत कुमार ने बताया कि सावधानी हटने पर सर्दी से नवजात शिशु ठंड की चपेट में आकर निमोनिया से ग्रस्त हो सकते हैं । ऐसे में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें ।

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