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फाइलेरिया उन्मूलन में जीविका दीदियों की भूमिका महत्वपूर्ण : मंत्री श्रवण कुमार

पटना, बिहार दूत न्यूज।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने 10 फरवरी से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान में आम-अवाम से फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने और इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है. उन्होंने ख़ास तौर से जीविका दीदियों से खुद भी दवा खाने और अपने आस-पड़ोस के लोगों को इसके लिए प्रेरित करने की अपील की है. उल्लेखनीय है कि आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहा यह अभियान अगले चौदह दिन तक राज्य के 24 जिले में चलेगा.


अपने वीडियो सन्देश में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि फाइलेरिया घातक बीमारी है और यह लोगों को विकलांग तक बना देता है. इससे बचाव के लिए ही हर साल सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है. इस अभियान में दवा खाने से फाइलेरिया की बीमारी से बचा जा सकता है. फाइलेरिया रोग के बारे में सही कहा गया है कि इसका इलाज से बेहतर बचाव ही है.

जीविका दीदियों की भूमिका महत्वपूर्ण : श्रवण कुमार

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस बात पर चिंता प्रकट की कि अभी भी समाज में फाइलेरिया मरीज उपेक्षा का शिकार होते हैं. हाथीपांव के कारण हुई शारीरिक विकृति उनकी पहचान बन जाती है. विशेषकर ग्रामीण परिवेश में उन्हें कई स्तर पर उपेक्षित होना पड़ता है. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग पर समुदाय को जागरूक करना हम सभी की सामाजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी है. आशा दीदियों के साथ-साथ जीविका दीदियाँ इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकतीं हैं.

पूरी तरह से सुरक्षित है दवा का सेवन : डॉ. परमेश्वर प्रसाद

फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि फ़ाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है जिससे बचाव का एकमात्र रास्ता दवा का सेवन करना है. फ़ाइलेरिया क्यूलेक्स नाम के मच्छर के काटने से होता है. इसके कारण इंसान के शरीर के कई अंगों में सूजन आ जाती है और वह चलने फिरने में भी लाचार हो जाता है. फ़ाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति में लक्षण दिखाई देने में 8 से 10 वर्ष का समय लग सकता है. इसीलिये इस रोग की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा साल में एक बार फ़ाइलेरिया की दवा सेवन के लिये सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है. इस वर्ष यह 10 फरवरी से शुरू हो रहा है जो अगले चौदह दिन तक चलेगा. फ़ाइलेरिया की दवा पूरी तरह सुरक्षित है और इससे कोई नुकसान नहीं होता है. इसलिए समुदाय के लोगों को एमडीए राउंड में दवा सेवन करने से संकोच नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एमडीए-फाइलेरिया राउंड की सफलता सभी लक्षित लोगों द्वारा शत-प्रतिशत दवा सेवन पर निर्भर करेगा.

एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए हो रहा हर संभव प्रयास : विकास सिन्हा

इधर, केयर इंडिया के एनटीडी टीम लीड विकास सिन्हा ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन अभियान को सफल बनाने और हर व्यक्ति को दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रही है. समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की अपील और सन्देश इसमें काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं. राजनीतिक व्यक्तित्वों की अपील जन-जन में सकारात्मक माहौल बनाने में कारगर होगी. उन्होंने बताया कि हाथीपांव फाइलेरिया का सबसे विकराल स्वरूप है जिससे एक सामान्य व्यक्ति कई किलोग्राम के अतिरिक्त वजन अपने पैरों में लादकर जीने को मजबूर हो जाते हैं. इसकी रोकथाम आसान है. साल में एक बार होने वाले एमडीए-फाइलेरिया में दवा खाने से इसकी रोकथाम संभव है. ऐसा पाँच बार पाँच सालों में दवा खाकर इसकी रोकथाम की जा सकती है.

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