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कानून का सख्‍ती से पालन होने पर हीं रुकेगा बाल विवाह : सुरेन्द्र कुमार

संजय भारती , समस्तीपुर।

बाल विवाह रोकथाम को लेकर जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र समस्तीपुर के सचिव सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को पूरी तरह से खत्‍म करने को लेकर देश की राजधानी दिल्‍ली स्थित कंन्सिटीट्यूशन क्‍लब ऑफ इंडिया में कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) की ओर से ” ‘नेशनल कंसल्‍टेशन ऑन चाइल्‍ड मैरिज फ्री इंडिया ” नामक राष्‍ट्रीय परिचर्चा आयोजित की गई । इसमें राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व 14 राज्‍यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्‍यक्षों व उनके प्रतिनिधियों समेत 100 से ज्‍यादा स्‍वयंसेवी संगठनों की भी मौजूदगी रही ।

इसमें बाल विवाह के समूल उन्‍मूलन के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया । आयोजन में बाल विवाह वाले देशभर के 250 से ज्‍यादा संवेदनशील जिलों में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना भी बनी ।

नेशनल कंसल्‍टेशन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्‍मृति जुबिन ईरानी मुख्‍य अतिथि थी । जबकि नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित व जाने – माने समाज सुधारक कैलाश सत्‍यार्थी ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की ।

इस आयोजन में जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र समस्तीपुर की टीम नें भी शिरकत की और अपनें विचार रखे । सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि बाल विवाह को खत्‍म करने के लिए जरूरी है कि इसके खिलाफ लोगों को ज्‍यादा से ज्‍यादा जागरूक किया जाए और कानून का सख्‍ती से पालन भी सुनिश्चित हो । उन्‍होंने आगे कहा कि जिस तरह से असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ सख्‍त कानून लाई है उसी तरह हमारे राज्‍य बिहार में भी सरकार को कड़ा कानून लाना चाहिए ।

इस अहम विचार – विमर्श में यह निष्‍कर्ष निकला कि बच्चों , खासकर लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सरकार और सभी राजनीतिक दलों से मांग की जाए कि मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की आयु सीमा 14 से बढ़ाकर 18 साल की जाए । सबनें संकल्‍प लिया कि साल 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्‍त बनाएंगे ।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी नें पिछले साल 16 अक्‍टूबर से ‘बाल विवाह मुक्‍त भारत’.आंदोलन की शुरुआत की है । आंदोलन में देश भर के 500 से अधिक जिलों के तहत आने वाले 10,000 गांवों में 75,000 से अधिक जनप्रतिनिधियों , महिलाओं और बच्चों नें मशाल जुलूस निकालकर बाल विवाह रोकने की शपथ ली थी । बाल विवाह के खिलाफ जमीनी स्‍तर पर यह दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन है । इससे दो करोड़ से ज्‍यादा लोग प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े थे ।

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