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युवा नेता रौशन सिंन्हा की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन, लखीसराय एसपी का फूका पुतला..

पटना: बिहार दूत न्यूज।

ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राज्य सचिव रौशन सिंन्हा के गिरफ्तारी के विरोध में पटना के भगत सिंह चौक पर छात्र – नौजवानों ने लखीसराय पुलिस के खिलाफ रोषपूर्ण प्रदर्शन किया।

एआईएसएफ एवं एआईवाईएफ से जुड़े छात्र- नौजवानों ने काजीपुर स्थिति जिला कार्यालय से नयाटोला, खजांची रोड चौराहा, लंगरटोली चौराहा, बारीपथ होते हुए भगत सिंह चौक तक जुलुश निकालकर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भगत सिंह चौक पर ही लखीसराय एसपी का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी किया।
इस दौरान वहां ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राज्य सह सचिव शंभू देवा की अध्यक्षता में प्रतिरोध सभा आयोजित किया गया।
प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव व सीपीआई पटना जिला सचिव विश्वजीत कुमार ने रौशन सिन्हा के नक्सल गतिविधि में शामिल होने के पुलिस द्वरा लगाए आरोप को खारिज किया। उन्हौने कहा कि रौशन सिन्हा की गिरफ्तारी एक गहरे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत हुई है। रौशन सिन्हा ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राष्ट्रीय और राज्य सचिव हैं। वे लगातार छात्र – युवाओं के सवालों को लेकर सड़कों पर संघर्ष करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो नक्सल होता है वह अपनी पहचान छुपाता है, लेकिन रौशन सिन्हा हमेशा सड़कों पर संघर्ष करने वाले युवा नेता हैं। लखीसराय और पूरे प्रदेश वे एक जाना पहचाना चेहरा हैं। सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि मैं प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि अगर वह नक्सली है तो ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन जैसे संगठन का राज्य सचिव कैसे बन गया।
आगे उन्होंने कहा कि रौशन सिन्हा को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता विजय सिन्हा ने एसपी के साथ सांठगांठ करके फसाने का काम किया है। क्योंकि विजय सिन्हा के नजदीकी से रौशन सिन्हा का मनमुटाव रहा है। ये विजय सिन्हा के राजनीतिक विरोधी हैं और हमेशा उनके निशाने पर रहे हैं।


आगे उन्होंने कहा कि यह केवल रोशन सिन्हा के गिरफ्तार होने का मामला नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस प्रशासन किस तरीके से छात्र नौजवान और आमजनों की आवाज उठाने वाले नेता को सामाजिक कार्यकर्ताओं को किस तरह से नक्सली बताकर उन्हें कमजोर करने का कोशिश करती है। उन्होंने सरकार और पुलिस से रौशन सिन्हा के रिहाई की मांग किया और कहा की पुलिस के इस दमनकारी नीति के खिलाफ हम लगातार आंदोलनआत्मक कार्रवाई करेंगे।
वही सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष अमीन हमजा ने कहा कि छात्र युवाओं के मुद्दे पर मुखर रहने वाले लोगों को पुलिस दवाना चाहती है। पुलिस कह रही है कि अग्नीपथ योजना के खिलाफ हुए आंदोलन में रौशन सिन्हा ने छात्रों को भड़काया था जिसके बजह से दो ट्रेन को आग के हवाले किया गया था। पुलिस का यह आरोप सरासर गलत और मनगढ़ंत है।
उन्होंने कहा कि हमारा संगठन अग्निपथ योजना के खिलाफ था। देशभर में संगठन के नेता व कार्यकर्ताओं ने इस योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था। लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर रौशन सिन्हा पर छात्र को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं जबकि छात्र युवाओं से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आह्वान करते हुए उनका फेसबुक पोस्ट आज भी मौजूद है। सरकार के इस युवा विरोधी नीति का देशभर में जगह जगह उग्र विरोध हुआ। लखीसराय में हुए घटना का जिम्मेदार रौशन सिन्हा को बताना गलत है।
नौजवान नेता प्रमोदनंदन ने कहा कि रौशन सिन्हा लोकप्रिय युवा नेता हैं। इसलिए भाजपा के इशारे पर स्थानीय पुलिस प्रशासन उन्हें दबाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन आजादी की लड़ाई में भाग लिया है हम लोग लोकतांत्रिक आंदोलन में विश्वास करने वाले हैं तथा नक्सल गतिविधि से मतभेद करने वाले लोग हैं। लेकिन पुलिस राजनीतिक लोगों के दबाव में आकर उन्हें नक्सली बता रहे हैं। जिसे छात्र – युवा आंदोलन बर्दाश्त नहीं करेगी।
आज के मार्च में उपरोक्त नेताओं के अलावे एआईएसएफ कार्यकारी अध्यक्ष तौसीक आलम, अविशेक कुमार, नौजवान नेता राज कुमार गफूर, शहर के नेता अभय कुमार, मोकामा के नेता राजू प्रसाद, पूर्व जिला सचिव मनोज कुमार, शहर के नेता सौकत अली, छात्र नेता आनंद, अमनलाल, शब्बीर आदि दर्जनों साथी शामिल हुये।

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