खगड़िया, बिहार दूत न्यूज।
जद(यू0) जिला कार्यालय में मीडिया को संबोधन के दौरान पार्टी के जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की डिग्री पर गंभीर सवाल उठाया। प्रेसवार्ता के दौरान पार्टी के जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री, जिला उपाध्यक्ष पंकज कुमार पटेल, उमेश सिंह पटेल, मानसी प्रखण्ड के अध्यक्ष राजनीति प्रसाद सिंह,नगर परिषद् के अध्यक्ष जीतेन्द्र पटेल,युवा जदयू अध्यक्ष नीतीश सिंह पटेल,किरणदेव करण,विनय रोशन भी मौजूद थे।
मीडिया को संबोधित करने के दौरान पार्टी के जिला अध्यक्ष ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की डी लिट की डिग्री को संदेहास्पद बताया और कहा कि जिस कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी के नाम का इस्तेमाल सम्राट चौधरी ने अपनी चुनावी शपथ पत्र में किया है उस विश्वविद्यालय का नाम संदेह के घेरे में है।
श्री मंडल ने आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2005 में उनका नाम राकेश कुमार के तौर पर दर्ज है,साल 2010 में उनका नाम राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी के तौर पर दर्ज है। वहीं साल 2020 में उनका नाम सम्राट चौधरी के तौर पर दर्ज है। आखिर किस नाम से सम्राट चौधरी ने “डी लिट” की डिग्री हासिल की है इस बारे में उन्हें सारे तथ्य सामने लाने चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि लोग आज जानना चाहते हैं कि आखिर सम्राट चौधरी किस नाम से “डी लिट” की डिग्री उक्त यूनिवर्सिटी से हासिल की है। चुनावी एफिडेविट में डिग्री का, रजिस्ट्रेशन नंबर का उल्लेख नहीं करना संदेह उत्पन्न करता है। सम्राट चौधरी की डिग्री पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी का नाम अमेरिका के यूनिवर्सिटी के नाम में शामिल नहीं है। जिससे उनकी डिग्री पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।हमारी पार्टी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले में सारे तथ्यों के जवाब के लिए 72 घंटों का समय देती है और आशा करती है कि इस अवधि में वो सारे सवालों का विस्तापूर्वक जवाब देंगे।उन्होंने कुछ बिन्दुओं पर सवाल करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी इस यूनिवर्सिटी की असलियत के बारे में स्पष्ट करें। किस साल आपने डी लिट की परीक्षा पास की, उस परीक्षा में आपका क्या रौल नंबर है और डिग्री की कॉपी कहां है।साथ ही आपने अपना नाम कब बदलवाया? उस यूनिवर्सिटी में आपने किस नाम से एडमिशन लिया इसके बारे में सम्राट चौधरी को खुलासा करना चाहिए। सम्राट चौधरी की डिग्री पर सवाल उनकी राजनीतिक साख से जुड़ा है और राजनीति में साख का होना बेहद जरुरी होता है तभी जनता नेताओं के बातों से सहमत होती है। उन्हें इस मामले में खुलकर सामने आना चाहिए और अपनी डिग्री के बारे में तमाम तरह की जानकारियां उपलब्ध करानी चाहिए।