बिहार दूत न्यूज, खगड़िया।
सोमवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर योगिराज डॉ रामनाथ अघोरपीठ में धूम धाम से मनाया गया।
पूर्व नगर पार्षद सह योगिराज डॉ रामनाथ अघोरपीठ के कोषाध्यक्ष रणवीर कुमार ने बताया कि आज 03 जुलाई गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को देश में मनाया जाता है। अघोरपीठ के अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह ने योगराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा के प्रतिमा पर नया वस्त्र पहनाया गया।अघोरी स्थान में माँ काली,माँ दुर्गा,शीतला माता, पशुपतिनाथ ,महाकाल, भैरवनाथ, रामनाथ अघोरी बाबा के प्रतिमा पर पाँच प्रकार के मिठाई,दही चूड़ा का भोग लगाकर पूरे विधी विधान से पूजा किया गया। नरेशनाथ अघोरी बाबा,ओमनाथ अघोरी बाबा के समाधि पर भी नया वस्त्र चढ़ाकर प्रसाद चढ़ाया गया।
आसपास के बच्चों के सैकड़ों बच्चों को प्रसाद दिया गया और दही चूड़ा का भोज खिलाया गया। बलुआही के बुजुर्ग बताते हैं कि योगिराज डॉ रामनाथ अघोरी बाबा नेपाल राजा के राजपरोहित थे। नेपाल से ही नाव से नदी मार्ग देश भ्रमण पर निकले उनका नाव बलुआही में आकर रुका उनको यह स्थान मंदिर निर्माण के लिए अच्छा लगा।
नाव पर ही काठ का माँ काली का प्रतिमा था नाव पर ही रहते थे और सुबह शाम माँ का पूजा करते थे। उनके पास जो भी अपना कष्ट लेकर आता उसके कष्ट को दूर कर देते थे। यह देखकर स्थानीय लोगों ने जमीन दान दिया और मंदिर निर्माण रामनाथ बाबा ने कराया। स्थानीय लोग यह भी कहते हैं कि मंदिर निर्माण मिट्टी भराई का कार्य भटक रहे विक्षिप्त लोगों से करवाते थे उसका इलाज भी करते थे मंदिर निर्माण का कार्य करते करते वह ठीक भी हो जाता था। अघोरी स्थान शिद्ध पीठ है यहाँ जो लोग भी श्रद्धाभाव से मांगते है वह पूर्ण होता है।
मौके पर अघोरपीठ के उपाध्यक्ष सदानंद सिंह,ग्रामीण छाठो यादव,उदय यादव, कुंदन सिन्हा, दिलीप यादव सहित मंदिर के पुजारी आदि मौजूद थे।