बिहार दूत न्यूज, खगड़िया
2024 के लोकसभा चुनाव में खगड़िया लोकसभा सीट से जहाँ एक तरफ लोजपा (रा) पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से प्रत्याशी राजेश वर्मा जीत के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं । वहीं दूसरी ओर इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशी सीपीआई (एम) के प्रत्याशी संजय कुमार कुशवाह भी कोई कोर कसर छोड़ने की फिराक में नहीं है। इसी तरह अन्य प्रत्याशी भी जीत के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
इण्डिया गठबंधन ने खगड़िया लोकसभा में जाति समीकरण को देखते हुए अपने स्थानीय उम्मीदवार के रूप में संजय कुमार कुशवाहा को खगड़िया लोकसभा सीट से सीपीआई (एम) पार्टी से मैदान में उतारा है । ऐसे में लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा को खगड़िया के किले को फतह कर पाना आसान नहीं होगा । क्योंकि खगड़िया लोकसभा सीट पर स्थानीय उम्मीदवार को नहीं देना चिराग पासवान के लिए सिर दर्द बन चुका है । दिवंगत रामविलास पासवान के गृह जिला खगड़िया में लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के लिए एक तरफ जहाँ खगड़िया लोकसभा सीट प्रतिष्ठा बन चुका है तो वहीं दूसरी तरफ लोजपा (रा) प्रत्याशी को लेकर खगड़िया लोकसभा में लोजपा (रा) पार्टी समेत एनडीए सहयोगियों को भी सहेजना खगड़िया लोकसभा में चिराग पासवान के लिए टेढ़ी खीर के समान है। हालांकि एनडीए गठबंधन की तरफ से एक जुटता की बात कही जा रही है । लेकिन इसके बावजूद बताया जा रहा है कि पार्टी प्रत्याशी को लेकर कुछ लोजपा (रा) खेमा, कुछ जदयू खेमा तो कुछ भाजपा खेमा में चिराग पासवान के प्रति नाराजगी है। हाल ही में खगड़िया लोकसभा से 2014 एवं 2019 के लोजपा से रहे निवर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर लोजपा को छोड़कर महागठबंधन के राजद में शामिल होकर चिराग पासवान को एक बड़ा झटका दिया है। वहीं बताया जा रहा है की खगड़िया लोकसभा के अलोली विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके राष्ट्रीय लोजपा सुप्रीम पशुपति कुमार पारस भी चिराग पासवान से नाराज चल रहे हैं।
चिराग पासवान व उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के विवाद में लोजपा की टूट होने पर चिराग पासवान जोड़ देकर कहते थे कि मेरे पास मां है, लेकिन उस मां राजकुमारी देवी भी आज के दिन महागठबंधन के प्रत्याशी संजय कुमार को माला पहनाकर आशिर्वाद देती है।
खैर, लोकसभा चुनाव में लोकल बनाम बाहरी का मुद्दा जोड़ पकड़ लिया है। लोकल फॉर वोकल का ट्रैंड इस कदर हावी हो रहा है कि जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक जेडीयू के सच्चे सिपाही कहें जाने वाले मथुरापुर के अशोक सिंह लोकल के साथ मंच शेयर कर रहे हैं।
अशोक सिंह ऐसे अकेले नहीं हैं, दर्जनों ऐसे नेता हैं, जो कि वोट की राजनीति में अपने को काफी मजबूत स्थिति में है जो की पंचायत स्तर के चुनाव में जिसको आशीर्वाद दे देते हैं, उसकी जीत पक्की हो जाती है। जनता का खामोशी पार्टी प्रत्याशी के धड़कन को तेज कर रखा है। चुनाव को लेकर अभी तक ग्रामीण जनता में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है।
इधर, अलौली विधानसभा से राजद विधायक रामवृक्ष सदा ने कहा है कि खगड़िया से लेकर बिहार व देश के धरोहर रहे दिवंगत रामविलास पासवान जी के विरासत को चिराग पासवान ने पूंजीपतियों के हाथों बेच दिया है। उन्होंने कहा कि दिवंगत रामविलास पासवान अपने जीवन काल में काफी संघर्ष के बाद खगड़िया से लेकर बिहार व देश के बीच अपने आप को स्थापित किया था जो बिहार की जनता से छुपा हुआ नहीं है।
विधायक रामवृक्ष सदा ने कहा कि चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान के उपलब्धि को नहीं बताकर कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुझे आशीर्वाद प्राप्त है और मैं नरेन्द्र मोदी जी का हनुमान हूँ। उन्होंने कहा कि बिहार का महादलित अब उतना मूर्ख नहीं है।
बहरहाल पिछले दिन मुंगेर में पीएम मोदी भी राजेश वर्मा के पक्ष में चुनावी सभा किए। इस चुनावी सभा कितना वोट बैंक में तब्दील होता है या तो चार जून को हो पता चलेगा। फिलहाल चुनाव में सभी दल व गठबंधन के लोग अपने अपने प्रत्याशी के पक्ष में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।