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पूरी पढ़ाई – देश की भलाई, बाल विवाह, बाल श्रम मुक्त हो भारत : सुरेन्द्र कुमार

समस्तीपुर : जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र अख्तियारपुर, समस्तीपुर क्राई – चाइल्ड राइट्स एण्ड यू के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय अभियान पुरी पढ़ाई देश की भलाई को लेकर अभियान चला रहा है , खासकर दलित, वंचित, आदिवासी, पिछड़ा, अतिपिछड़ा के साथ साथ सभी जातियों धर्मों के गरीब लोगों के बेटीयाँ पुरी पढ़ाई नहीं कर पाती है। उसके लिए जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र अभियान चलाकर बाल विवाह एवं बाल श्रम के कारण लड़कियों का शिक्षा बाधित हो रहा है। जिसको लेकर जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के द्वारा अभियान चलाकर पूरी पढ़ाई देश की भलाई, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्य कर रहे हैं। उसी कड़ी में संस्था के टीम के प्रयास रंग लाते हुए शोभा की यात्रा उसके समुदाय की अन्य लड़कियों को प्रेरित करती है, जैसे 16 वर्षीय रोशनी। एक अच्छी छात्रा और उत्सुक शिक्षार्थी होने के बावजूद, रोशनी को पढ़ाई के लिए समय निकालने में कठिनाई होती है। रौशनी एक बहन, दो भाई है, राजा सातवीं कक्षा में पढ़ाई करता है, राजीव कुमार छठी कक्षा में पढ़ाई करता है, रोशनी कुमारी दसवीं कक्षा में है। उसके पिताजी पंजाब में मजदूरी करते हैं तथा माता खेतों में मजदूरी करते हुए बकरी पालन करके अपना परिवार चलती है। रौशनी को घर के कामों को संभालना पड़़ता है और अपनीं माँ की मदद करनी पड़़ती है, जो एक अस्थाई खेतिहर मजदूर है, फसल के मौसम में खेतों में जाकर खाना पानी पहुंचाना शामिल है। उसे अपनें स्कूल जाने के लिए लगभग आधा घंटा का लंबा रास्ता तय करना उसकी परेशानी को और बढ़ा देता है। मानसून के दौरान, सड़़क टूट जाती है, जिससे कक्षा 10 की छात्रा कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाती। स्कूल से बड़े पैमाने पर अनुपस्थिति ने जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र की टीम को रोशनी के दरवाजे पर ला खड़ा किया। इससे एक ऐसा जुड़ाव शुरू हुआ जिससे उसे और उसकी माँ निर्मला देवी दोनों को बहुत लाभ हुआ है। रोशनी अब छूटे हुए स्कूल के काम को पूरा करने के लिए जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र द्वारा आयोजित ब्रीज कोर्स सेंटर तथा बालिका ट्यूशन सेंटर में भाग लेती है। वह और उसकी माँ जीवन कौशल सत्रों में भी भाग लेती हैं, जिसनें शिक्षा, बाल विवाह, बाल श्रम , बाल दूर्व्यापार और वित्तीय स्वतंत्रता के बारे में उनके दृष्टिकोण को काफी हद तक बदल दिया है। लड़कियों को अपनीं शिक्षा जारी रखने और अपनें रास्ते में आने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, उनकी माँ नें अपनी बेटी को समस्तीपुर में क्राई के राष्ट्रीय अभियान, पूरी पढ़ाई, देश की भलाई के स्थानीय लॉन्च के लिए जाते हुए देखा। रोशनी के शब्दों में, यह अभियान लड़कियों को अपनीं शिक्षा पूरी करने की आवश्यकता पर जोर देता है। जितना अधिक लोग इसे समझेंगे, हमारे जैसी लड़कियों के लिए उतना हीं बेहतर होगा। जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के सचिव सुरेंद्र कुमार नें कहा हम शिक्षा के माध्यम से कमजोर लड़कियों के उत्थान और उनके लिए अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह अभियान किशोरियों को कल के सशक्त व्यक्ति के रूप में तैयार करने की दिशा में शिक्षा को एक औजार के रूप में स्थापित करती है। यह अभियान जागरूकता फैलाने का एक अवसर है। जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र, एक स्थानीय गैर – लाभकारी सामाजिक संस्था है, जो बिहार राज्य के कई जिलों में पिछले कई दशकों से अधिक समय से शिक्षा और बाल संरक्षण के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। यूडीआईएसई+ 21 – 22 के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में माध्यमिक स्तर पर लड़कियों की पढ़ाई छोड़ने की दर लगभग 21 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 12.3 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि, शोभा और रोशनी जैसी कहानियां एक सकारात्मक प्रवृत्ति को उजागर करती हैं । वंचित समुदाय की अधिक से अधिक लड़कियां प्रतिकूलताओं और बाधाओं के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। जो हमारे देश के वास्तविक तरक्की की निशानी है।

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