पूर्णिया: जिले में लोगों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी श्री कुन्दन कुमार द्वारा जिला स्कूल में बच्चों को दवा खिलाकर की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी बच्चों को फाइलेरिया बीमारी होने के कारण और इससे सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को अपने घर के सभी लोगों के साथ दवा सेवन सुनिश्चित करते हुए आसपास के लोगों को भी इसके लिए जागरूक करने की अपील की गई। उद्घाटन से पूर्व जिलाधिकारी को एनसीसी कैडर द्वारा जिला स्कूल में गार्ड ऑफ ओनर दिया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में जिलाधिकारी द्वारा बच्चों को बताया गया कि बच्चें ही कल का भविष्य है। ऐसे में बच्चों को ही अपना और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक होना चाहिए जिससे कि बच्चें होने वाले कल को और स्वस्थ्य और सुरक्षित कर सकें। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर शुरुआत की गई। मौके पर डीडीसी सहिला,एडीएम विधि व्यवस्था, जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला स्कूल प्रधानाध्यापक, डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार, पिरामल स्वास्थ्य जिला लीड चंदन कुमार, भीडीसीओ रवि नंदन सिंह, पीसीआई जिला समन्यवक बिपिन कुमार, सीफार एडीसी अमन कुमार, भेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय लिपक रामकृष्ण परमहंस, पिरामल पीओसीडी शिवशंकर कुमार, रिपीड रेस्पॉन्स टीम के रूप में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पूर्णिया पूर्व डॉ शरद कुमार, माधोपाड़ा चिकित्सक, डीभीबीडी सोनिया मंडल सहित स्थानीय आशा कर्मी, एएनएम और अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और विद्यालय शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
40 लाख से अधिक लोगों को खिलाई जाएगी दवा, सभी लोगों को दवा सेवन आवश्यक : जिलाधिकारी
कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री कुन्दन कुमार ने कहा कि आज से जिले में सभी जगह फाइलेरिया से लोगों को सुरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर पहुँचकर दवाई खिलाई जाएगी। सभी बच्चों को एकसाथ एक जगह इसलिए बुलाया गया है कि ताकि उन्हें समझाया जा सके कि जैसे किसी वेक्टर जनित रोगों को बड़े पैमाने पर निराकरण के लिए कैसे समाधान निकाला जा सके। क्योंकि आज के सभी स्कूल के बच्चें हो कल बड़े होकर डॉक्टर, डीएम, डीडीसी जैसे बड़े अधिकारी बनेंगे तो उन्हें ऐसे बड़े समस्याओं के समाधान के लिए सोचना पड़ेगा, नीतियां बनानी पड़ेगी और ऐसे कार्यक्रम करने पड़ेंगे। हो सकता है जिस बीमारी से समाधान के लिए आज जो टीम बैठी हुई है। कल आपलोगों में से कोई ई जगह पर रहेंगे और उनके पास आज के अधिकारियों से अधिक अच्छा समाधान हो। इसके लिए बच्चों को जागरूक करने के लिए आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। फाइलेरिया एक पेनडेमिक डिजीज है जो लोगों में मच्छर के द्वारा फैलती है। अगर किसी व्यक्ति में फाइलेरिया के कीटाणु हैं तो एक विशेष मादा क्यूलेक्स मच्छर द्वारा एक वाहक के रूप में आसपास के दूसरे व्यक्ति को भी इसका शिकार बनाया जा सकता है। इसकी जानकारी ग्रसित व्यक्ति को दस, पंद्रह या बीस साल बाद पता चलता है। ऐसा होने पर संक्रमित व्यक्ति का हाथ या पैर या दोनों बहुत मोटा हो जाता है। बाद में इसका कोई इलाज नहीं हो सकता इसे सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसी बीमारी को होने से पहले ही रोकने के लिए जिले में एमडीए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर पहुँचकर दवाई खिलाई जाएगी। दवाई खाने से संबंधित व्यक्ति का भविष्य में फाइलेरिया ग्रसित होने की संभावना नहीं होगी और वे स्वास्थ्य रहेंगे। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में 40 लाख से अधिक लोगों को घर-घर पहुँचकर दवा खिलाई जाएगी। स्कूल के सभी बच्चों को ऐसी दवाई का सेवन करते हुए अपने आसपास के लोगों को भी दवा सेवन करने के लिए जागरूक करना चाहिए ताकि भविष्य में कोई फाइलेरिया जैसे संक्रामक बीमारी का शिकार नहीं हो सके। आज का दिन हम सभी को संकल्प लेने की जरूरत है कि इस बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए दवा का सेवन सभी को करना आवश्यक।
फाइलेरिया ग्रसित होने पर नहीं हो सकता सम्पूर्ण इलाज, बचने के लिए सभी लोगों को दवा सेवन जरूरी : डीडीसी
डीडीसी श्रीमती सहिला ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होता है। जब एक मच्छर द्वारा फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वास्थ्य व्यक्ति को काटा जाता है तो स्वास्थ व्यक्ति भी कुछ समय के बाद फाइलेरिया का शिकार हो जाते हैं। एक बार यह बीमारी किसी को हो गया तो उसका सम्पूर्ण रूप से इलाज नहीं किया जा सकता है बल्कि उसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलता जाता है जिसके द्वारा लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए घर-घर पहुँचकर दवा खिलाई जाती है। बच्चों को इसके प्रति जागरूक होते हुए आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति इसका शिकार न हो सके। इसके लिए हर साल एक बार फाइलेरिया से सुरक्षा की दवाई का सेवन करने के साथ साथ लोगों को आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखना चाहिए। जिससे कि लोग इस भेक्टर जनित रोग से स्वास्थ्य रह सकें।
फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए जिले में 03 तरह के दवाइयों का किया जाएगा सेवन :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 10 अगस्त से जिले के सभी प्रखंडों में अगले 14 दिनों तक स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर पहुँचकर लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवाई खिलाई जाएगी। इसके लिए लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 03 तरह की दवाई खिलाई जाएगी – डीईसी, एल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन। यह दवाई 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को उम्र और लंबाई के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाया जाएगा। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को यह दवाई नहीं खिलाई जाएगी। 14 दिन बाद छूटे हुए लोगों के लिए संबंधित क्षेत्र में बूथ लगाया जाएगा और सभी लोगों को दवाई खिलाई जाएगी। लोगों को बढ़चढ़ कर इस अभियान के द्वारा अपने घर में स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही दवा का सेवन करना चाहिए और फाइलेरिया संक्रमण से सुरक्षित रहना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य जानकारी:
– खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
– दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाना आवश्यक है।
– अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाना है।
– फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नही होने देना चाहिए।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।