पटना: नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह ने विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर दी शुभकामनाएं, स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता पर कहीं यह बातें।
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के आंखों में कुछ समस्याएं होती है। जिसे जागरूकता से अगर हम जल्दी निदान कर ले।
जिससे दृष्टि बाध्यता, दृष्टि छीन्यता नहीं आती है।
वरिष्ठ नागरिकों में उम्र के साथ-साथ मोतियाबिंद नामक बीमारी होती है, जो पूर्णता इलाज से ठीक हो जाती है। गई हुई रोशनी फिर से लौट कर आ जाती है, जिसका एकमात्र इलाज सर्जरी /ऑपरेशन है। ऑपरेशन के नए-नए विधि आ गए हैं।
कोई तकलीफ नहीं होती ऑपरेशन करके रेस्क लगा दिया जाता है और मरीज को फिर से वैसे दिखने लगता है।
इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों में डायबिटीज की शिकायत पाई जाती है, डायबिटीज आंख के लिए ख़राब बीमारी होता है।
अगर किसी को डायबिटीज है हर साल आंखों का पर्दा का जांच कर ले।
ताकि पर्दे में अगर डायबिटीज जनित समस्या आएगी तो उसका उचित समय पर इलाज होगा।
उचित समय से इलाज होने से दृष्टि बाध्यता नहीं होती है, अगर रोशनी चली गई कितने दफे लौटकर नहीं आती। इसके साथ थी 40 वर्ष के बाद अगर चश्मा का नंबर बदलना हो या
डायबिटीज हो और आपके मायोबिया हो या आपकी आंखों में चोट की शिकायत हो या किसी बीमारी के कारण लंबे दिनों तक दृष्टि लौट का सेवन किया हो, परिवार में किसी को ग्लूकोमा का शिकायत हो, ग्लूकोमा का खतरा बना रहता है।
ग्लूकोमा ऐसी बीमारी है जिससे आंखों की रोशनी लौट के नहीं आती है। जितना जल्दी हो उसको जानेंगे और इलाज उपचार करेंगे।
रोशनी रोशनी नहीं जाएगा।
ऐसे नए केस में आंखों का ऑपरेशन प्रोसिटी अन्य टेस्ट को कर ले।
ग्लूकोमा की जानकारी कर ले।
अगर ग्लूकोमा है आज के दिन में ऐसी ऐसी दवा निकल गई है, जो ग्लूकोमो को डैमेज नहीं कर सकेगा।
आंखें बची रहेगी दवाई डालना पड़ेगा और इलाज करना पड़ेगा।
साथ ही लाजीविलिटी उम्र सीमा बढ़ गई हो, जब तक जिंदा रहते हैं, आंखों के परदे में एज रिलेटेड मैकमोलन डिजीज रेशन दिखाते रहना है।
विटामिन की गोली खाएं, एंटी ऑक्सिडेड खाए पर्दे में जो एजेज चेजेज हो रहा है, वह बचा रहे।
उसके बाद भी बीमारी होती है तो
ओसिटी / ओसीटीआई उपचार करेंगे।
सेकाई कर सकते है।
ये सब करने से एक एज के बाद उम्र आपकी जो भी हो अंतिम समय तक देखना है और अच्छा देखना है।
उन्होंने कहा कि अच्छा देखने के लिए जागरूकता की की जो बातें कही उसे पर अमल करना है।