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खगड़िया: राष्ट्रीय लोक अदालत में उभय पक्षों की जीत होती है, इसमें वकील पर खर्च नहीं होता है: DM

बिहार दूत न्यूज, खगड़िया।
शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, खगड़िया द्वारा खगड़िया व्यवहार न्यायालय एवं अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय गोगरी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, खगड़िया कुमुद रंजन सिंह एवं जिलाधिकारी सह उपाध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, खगड़िया डॉक्टर आलोक रंजन घोष ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

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इस अवसर पर उपस्थित पक्षकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में उभय पक्षों की जीत होती है, इसमें वकील पर खर्च नहीं होता है, कोर्ट फीस नहीं लगती है, किसी पक्ष को कोई सजा नहीं होती है, सुलभ ढंग से न्याय प्राप्त होता है, फैसला अंतिम होता है और इस फैसले के खिलाफ कहीं अपील भी नहीं होती है।
इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, खगड़िया समरेंद्र गांधी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओम शंकर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार, अमित उपाध्याय, शरद चंद्र कुमार एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिला विधिक संघ के सचिव महेश सिंह, प्रभारी, जिला विधि शाखा सह वरीय उप समाहर्ता राजन कुमार, प्रभारी सिस्टम पदाधिकारी कर्मशील कुमार, कोर्ट मैनेजर विपिन कुमार सहित सभी संबंधित बैंकों के अधिकारी, सभी पीएलवी, पैनल अधिवक्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार समरेंद्र गांधी ने किया। शुभारम्भ के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर बनाए गए विभिन्न न्याय पीठों का निरीक्षण किया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के दीवानी व फौजदारी वादों को उपस्थापित किया गया। इसके अतिरिक्त बिजली, श्रम, टेलीफोन, नीलाम पत्र वाद, भू- अर्जन, बैंक से संबंधित मामले को न्याय पीठ के समक्ष रखा गया तथा आपसी सहमति के आधार पर वाद का निष्पादन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में खगड़िया और गोगरी में सूचीबद्ध कुल 1444 मामलों में से 161 निष्पादित किए गए, जबकि मुकदमा पूर्व 1173 मामलों का शत प्रतिशत निष्पादन किया गया। मुकदमा पूर्व मामलों में ₹7,35,09,784 राशि समझौता के तहत जमा की गई, जबकि सूचीबद्ध मामलों में ₹27,69,000 83 की राशि समझौता के तहत जमा की गई।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समरेंद्र गांधी ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमा पूर्व 1173 मामलों का शत प्रतिशत निष्पादन करते हुए ₹7,35,09,784 समझौता राशि जमा कराई गई। मुकदमा पूर्व 1173 में से 1165 मामले बैंक रिकवरी से संबंधित थे, जबकि 8 मामले बीएसएनएल से संबंधित थे। बैंक रिकवरी से संबंधित 1165 मामले में ₹7,34,93,614 समझौता राशि के रूप में जबकि बीएसएनएल से संबंधित 8 मामले में ₹16,170 समझौता राशि के रूप में जमा कराए गए।
आज आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न श्रेणियों में सूचीबद्ध कुल 1444 वादों में से 161 वाद निष्पादित किए गए। सर्वाधिक 1142 मामले आपराधिक शमनीय वाद से संबंधित थे, जिनमें से 132 वादों का निष्पादन किया गया।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से संबंधित 100 में से 4 वादों का निष्पादन करते हुए ₹25,25,000 राशि जमा करवाया गया। विद्युत बिल से संबंधित 121 वादों में से 17 वादों का निष्पादन करते हुए ₹2,24,000 राशि जमा करवाई गई। माप-तौल से संबंधित 45 वादों में से 4 वादों को निष्पादित करते हुए ₹20,000 समझौता राशि जमा करवाया गया। वैवाहिक विवाद से संबंधित 30 वादों में से 4 वादों का निष्पादन करवाया गया।
विदित हो कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वादों का सुलह-समझौता के आधार पर निशुल्क निपटारा किया जाता है। इनमें अपराधिक शमनीय वाद, एनआई एक्ट, धारा 138 वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण वाद, वैवाहिक वाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, राजस्व मामले, विद्युत तथा पानी बिल संबंधित विवाद इत्यादि शामिल हैं।

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