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संक्रमण से सुरक्षा के लिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता : सिविल सर्जन

पूर्णिया, बिहार दूत न्यूज।

पूर्णिया में कोविड-19 से संक्रमित पहला मरीज पाया जा चुका है। उसे पूरी चिकित्सकीय जांच के बाद होम आइसोलेशन में रखते हुए आवश्यक देखभाल की जा रही है। कोविड-19 संक्रमण के फिर से बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। जिला के सरकारी अस्पतालों में संक्रमण से सुरक्षा के लिए सभी तरह की व्यवस्था उपलब्ध है। जिसे नए केस मिलने के बाद से ही अलर्ट मोड पर रहने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को पूरी तरह कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने तथा समय पर टीका लगाने की अपील की जा रही है।

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अस्पतालों में संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु सभी व्यवस्था उपलब्ध :
कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा के लिए जिला के अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध है। सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा ने कहा कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में संक्रमण से सुरक्षा के लिए डीसीएचसी तैयार है । जहां हमेशा चिकित्सक, नर्स व पारा मेडिकल स्टाफ उपस्थित रहते हैं। यहां मरीजों की चिकित्सा के लिए 15 बेड ऑक्सीजन के साथ उपलब्ध है। जिसमें से 05 बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के ब्वायज होस्टल में 100 अतिरिक्त बेड भी हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट भी तैयार है जो आवश्यकता होने पर कार्यरत रहेगा। कोविड-19 मरीजों के लिए सभी प्रकार की दवाएं भी जिले में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से शिकार सामान्य मरीजों को घर में हीं आइसोलेट किया जाएगा लेकिन अगर उन्हें ज्यादा समस्या होगी तो उसे अस्पताल में भर्ती करते हुए सभी तरह की सुविधा दी जाएगी।

कोविड टेस्टिंग एवं टीकाकरण में भी लाई जा रही तेजी :
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिले में कोविड-19 टेस्टिंग व टीकाकरण में तेजी लायी जा रही है। डीपीएम स्वास्थ्य ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 जांच के लिए जिले में आरटीपीसीआर लैब कार्यरत हैं। जहां प्रतिदिन 600 से 800 लोगों की कोविड-19 टेस्टिंग की जाती है। जांच के बाद सम्बंधित व्यक्ति को उनके मोबाइल पर एसएमएस द्वारा जानकारी दी जाती है कि वह संक्रमण से सुरक्षित हैं या नहीं। इसके अलावा जिले में कोविड-19 टीकाकरण कार्य भी तेजी से चलाया जा रहा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड-19 टीका की पूरी डोज दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में संक्रमण से सुरक्षा के लिए 12 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका की दोनों डोज लगाने के साथ ही 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रीकॉशन डोज भी लगायी जा रही है। प्रीकॉशन डोज कोविड-19 टीका की दूसरी डोज लगाने के 09 महीने बाद लगायी जा सकती है। सभी लोगों को अपना सभी डोज समय पर जरूर लगवाने चाहिए।

संक्रमण से सुरक्षा के लिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ वर्मा ने कहा कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। बाहर निकलते समय पूरी तरह मास्क का उपयोग करना, लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखना और नियमित हाथों को साबुन-पानी या सैनिटाइजर से साफ करना आवश्यक है। जिससे कि संक्रमण लोगों के शरीर में प्रवेश न कर सके। लोगों के सुरक्षित रहने से हम फिर से कोविड-19 को मात देने में सफल हो सकेंगे।

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