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बिहार में देश का पहला ई-भंडारण का हुआ शुभारंभ..

पटना, बिहार दूत न्यूज।

उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने संयुक्त रुप से आज अधिवेशन भवन में बिहार राज्य भंडार निगम द्वारा शुरु की गई ई-भंडारण का शुभारंभ किया। भंडारण के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम ई-भंडारण है। देश का पहला ई-भंडारण को क्रियान्वित करने वाला राज्य बिहार बन गया है।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आझ जो बिहार दिख रहा है उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार सत्ता में आयी उस समय से निरंतर विकास हो रहा है। ई-भंडारण के लागू होने से पारदर्शिता तरीके से काम होगा, इसके लिए सचिव बधाई की पात्र हैं। प्रबंधन निदेशक आशुतोष कुमार वर्मा जी ने जो काम किया है वो सराहनीय है। कृषक जो खेती करते हैं उनके अन्न का सही तरीके से भंडारण न हो तो बहुत दुख होता है। कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री ने समाज के सबसे अंतिम पायदान पर रहने वाले लोगों तक अनाज पहुंचाने का काम किया। इसके अलावे निःशुल्क टीकाकरण कराकर सभी को सुरक्षित रखने का काम किया गया। कोरोनाकाल में पूरा जनजीवन थम सा गया था उस दौर में कृषकों का विकास कार्य निरंतर जारी रहा जो बधाई के पात्र हैं। जो अनाज का उत्पादन होता उसका सही तरीके से भंडारण हो यह बड़ी बात है। बिहार ने काफी मेहनत की है। पूरे देश में आईटी के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है उसमें बिहारियों की किसी न किसी रुप में सहभागिता जरुर रही है। बिहार विकासशील राज्य से विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा होने की तरफ अग्रसर है। विभाग के सभी लोग बघाई के पात्र हैं जिनकी बदौलत बिहार देश का पहला ई-भंडारण शुभारंभ करने वाला पहला राज्य बन गया है। बिहार ज्ञान और विज्ञान की भूमि है। वहीं श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि आपको जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उस पर सकारात्मक कदम उठाते हुए कार्य को किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सहकारिता विभाग सह अध्यक्ष बिहार राज्य भंडार निगम श्रीमती वंदना प्रेयसी ने संबोधित करते हुए बताया कि इस ई प्रणाली के शुभारंभ होना बिहार के लिए गौरव की बात है। इस सॉफ्टवेयर से सभी को जोड़ा जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बरकरार रहेगी। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला पिछले दो साल से जारी है, जो आज मूर्त रुप धारण कर पाया है। वहीं बिहार राज्य भंडार निगम के प्रबंध निदेशक श्री आशुतोष कुमार वर्मा ने ई-भंडारण के पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत होने के उपर विस्तार से बताते हुए बताया कि ई-भंडारण प्रणाली के लिए वैसे तो 5 राज्यों को चयनित किया गया था, हलांकि 19 राज्यों में ईं-भंडार प्रणाली लागू करने के लिए कार्य किया गया है। लेकिन इसको शुरु करने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है।
इस मौके पर एक लघु फिल्म की प्रस्तुतीकरण दी गई। इस डॉक्युमेंट्री फिल्म के माध्यम से इसकी कार्य प्रणाली और आम जनता के लिए इसकी उपयोगिता को प्रदर्शित की गई।
इस मौके पर बिहार राज्य भंडार निगम के अन्य अधिकारी, पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

*भंडारण के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम*-
बिहार सरकार कार्य व्यवस्था के आधुनिकीकरण निमित्त सचेष्ट है। तकनीकी और विकास के नवीन आयामों पर अमल करते हुए उन्नति के दौर में राज्य को अग्रणी रूप से स्थापित करना सरकार का लक्ष्य है। कार्य संचालन को स्वचालित, त्वरित और पारदर्शी करना तथा इसकी दक्षता को बढ़ाना एक चुनौती है। बिहार राज्य भंडार निगम ने इस क्रम में सफलतापूर्वक ई-भंडारण नामक कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रणाली को कार्यान्वित किया है। इस माध्यम से किसी भी क्षण भंडारगृह से संबंधित संव्यवहार किया जा सकता है तथा भंडारित सामग्रियों एवं उसके गतिविधियों की ऑनलाईन जानकारी ली जा सकती है।
ई-भंडारण (WMS)*
भंडारगृह संचालन से संबंधित तमाम गतिविधियों को सुदृढ़, अधिक पारदर्शी एवं तथ्यों/आंकड़ों के त्वरित प्रदर्शन करनें तथा इसके आधुनिकीकरण के उद्देश्य से “e-bhandaran” (WMS) नामक एक वेब आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर व्यवस्था का शुभारंभ किया जा रहा है।
*बिहार, ई- भंडारण (WMS) लागू करनेवाला भारत का प्रथम राज्य* :-
भंडारगृहों के सम्पूर्ण गतिविधियों को एक केन्द्रीकृत स्वचालित व्यवस्था के तहत संचालित करने वाला तथा केन्द्रीय भंडारण निगम के डब्लू.एम.एस. सॉफ्टवेयर प्रणाली को बिहार राज्य भंडार निगम के कार्य संव्यवहार के आलोक में Customized कर e-bhandaran के रूप में कार्यान्वित करनें वाला बिहार, देश का प्रथम राज्य है।
*ई-भंडारण व्यवस्था*:-
ई-भंडारण (e-bhandaran) एक ऐसी भंडारगृह प्रबंधन व्यवस्था है जो भंडारगृहों के सम्पूर्ण गतिविधियों यथा कृषि उत्पादों/ अधिसूचित सामग्रियों की प्राप्ति एवं निर्गमन, इनका भंडारण, छल्लीकरण, रासायनिक उपचार, धुम्रीकरण एवं संधारण, परिवहन हथलन एवं अनुषांगिक कार्यो, विपत्र भुगतान, गोदामों का आरक्षण एवं उपलब्धता की जानकारी, प्रपत्र एवं प्रतिवेदन, गुण नियंत्रण इत्यादि प्रक्रियाओं को ऑनलाईन तथा स्वचालित रूप से प्रदर्शित करता है एवं इन सभी गतिविधियों का वास्तविक समय परक आंकड़ा (Real Time data) उपलब्ध कराता है। इससे गोदामों में भंडारित सामाग्रियों की वास्तविक स्थिति के साथ-साथ गोदाम से संबंधित सभी अद्यतन जानकारियाँ एक क्लिक पर राष्ट्रीय पटल (National Dashboard) पर भी पारदर्शी रूप से उपलब्ध होंगी तथा पर्यवेक्षण, अनुश्रवण एवं निर्णय हेतु सार्थक होगी।
*ई-भंडारण प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ* :
भंडारगृह कार्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी एवं त्वरित करना। भंडारगृह के कार्यकलाप को स्वचालित करना। भंडारगृह/गोदाम / स्थान को ऑनलाईन बुक करने/आरक्षित करने की सुविधा। ऑनलाईन भुगतान की सुविधा। रासायनिक उपचार, धूमन और गुण नियंत्रण में कुशलता। पुरातन एवं जटिल प्रक्रिया में सुधार करना। कार्य प्रणाली को पेपर लेस बनाना। भंडारण एवं स्थापना व्यय में कमी लाना। कर्मियों के कार्य क्षमता में वृद्धि करना। कम मानवबल की आवश्यकता। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को सार्थक करना। वास्तविक एवं समयपरक आंकड़ा उपलब्ध कराना। विभिन्न प्रणाली के साथ एकीकरण । राष्ट्रीय फलक पर जानकारी उपलब्ध कराना। बेहतर निगरानी और पर्यवेक्षण। सम्यक अनुश्रवण एवं निर्णय में सहायक।

बिहार राज्य के विकास में कृषि उत्पादों का महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि उत्पादों के समुचित रख-रखाव एवं भंडारण की व्यवस्था हेतु बिहार राज्य भंडार निगम “राज्य भंडारण एजेंसी” (State Storage Agency) के रूप में खाद्यानों, उर्वरकों एवं अधिसूचित वस्तुओं का वैज्ञानिक एवं सुरक्षित भंडारण करता है। भारतवर्ष के सम्प्रति 19 राज्य भंडार निगमों में से बिहार राज्य भंडार निगम एक 65 वर्ष पुराना निगम है।

वर्तमान में बिहार राज्य भंडार निगम अन्तर्गत 67 स्थानों पर भंडारगृह संचालित है। सम्प्रति इसकी कुल भंडारण क्षमता 8,33,674 मे. टन है एवं इसकी उपयोगिता आभोग प्रतिशत 96.68% है जो निगम के अब तक के कार्यकाल में सर्वोच्च है। निगम के व्यवसाय एवं लाभ में उतरोत्तर वृद्धि रही है एवं कई लोक कल्याणकारी महत्वांकाक्षी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में इसका अग्रणी एवं महती योगदान रहा है। कोरोना काल में इस निगम ने अप्रतिम एवं सराहनीय कार्य किया है। अपने स्थापना काल से ही निगम भंडारण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान करता रहा है। ई-भंडारण कार्य व्यवस्था में गुणात्मक सुधार एवं भंडार निगम के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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