पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में ही कालाजार के लिए बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
पूर्णिया: राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (कालाजार) डॉ विनय कुमार शर्मा ने कहा है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एसओएस) के लिए ड्रग्स फ़ॉर नेगलेक्टिड डिजीज इनिशिएटिव (डीएनडी) सारण एवं पूर्णिया ज़िले का चयन हुआ है। यह काला बुख़ार (वीएल), पोस्ट कालाजार त्वचीय लीशमैनियासिस (पीकेडीएल) और एचआईवी एड्स वीएल के मरीज़ों के लिए काफ़ी सुविधाजनक साबित होने वाला है। पूर्णिया के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर में बहुत ही जल्द इसकी स्थापना की जाएगी। इस केंद्र के खुल जाने से मरीज़ों को पूर्णिया से बाहर किसी और जगह जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अभी इन मरीज़ों को बेहतर इलाज़ के लिए पटना स्थित आरएमआरआई रेफर किया जाता है। वे ड्रग्स फ़ॉर नेगलेक्टिड डिजीज इनिशिएटिव (डीएनडी) द्वारा आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि दिसंबर 2022 तक कालाजार को जड़ से मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध हैं। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल पूरे देश में कालाजार के 533 मरीज हैं। इसमें अकेले बिहार में 373 हैं। बिहार में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। वर्ष 2019 में 3145, 2020 में 1967, 2021 में 1276 जबकि जुलाई 2022 तक मात्र 373 मरीजों की पहचान की गई हैं।
बीमारियों के लक्षण की पहचान करने को लेकर दिया गया प्रशिक्षण: डॉ कृष्णा पाण्डेय
राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस) पटना के निदेशक डॉ कृष्णा पाण्डेय ने बताया कि लगातार दो सप्ताह से अधिक समय तक बुखार हो या फ़िर वजन कम हो रहा है, तो यह कालाजार होने की संभावना है। अगर समय रहते बीमारी की जांच एवं उपचार नहीं कराया जाएगा तो यह घातक हो सकता है।
बेहतर प्रबंधन से होगा कालाजार उन्मूलन: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने कहा कि पूर्णिया में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होने मात्र से पूरे सीमांचल को लाभ होगा। इस केंद्र से कालाजार रोग से जुड़े सभी तरह के जटिल समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकेगा ।
कालाजार को जड़ से मिटाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध: डॉ आरपी मंडल
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ आरपी मंडल ने कहा कि जिले में फ़िलहाल पीकेडीएल मरीज़ों की संख्या- 21 हैं जबकि के नगर, बनमनखी, रुपौली एवं पूर्णिया पूर्व प्रखंड में एक-एल वीएल के मरीज हैं। वहीं पूर्णिया पूर्व के अंतर्गत एचआईवी वीएल की संख्या मात्र एक ही हैं। ज़िले के धमदाहा में 5, बी कोठी, बनमनखी एवं श्री नगर में तीन-तीन, भवानीपुर एवं डगरुआ में दो-दो, अमौर, जलालगढ़, के नगर, रुपौली एवं पूर्णिया पूर्व में एक-एक मरीज़ों का इलाज चल रहा है।
इस अवसर पर ड्रग्स फ़ॉर नेगलेक्टिड डिजीज इनिशिएटिव (डीएनडी) के निदेशक डॉ कविता सिंह, डॉ गौरव मित्रा, जीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विजय कुमार ठाकुर, डीवीबीडीसीओ डॉ आरपी मंडल, ज़िला कालाजार सलाहकार सोनिया मंडल, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ दिलीप झा, केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार, पीसीआई के अंजनी कुमार, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा पदाधिकारी, एलटी एवं जीएनएम/एएनएम उपस्थित थे ।