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बुजुर्ग महिला को स्ट्रेचर की जगह बोरे पर ले जाना बिहार को शर्मसार करने वाली है स्थिति : एजाज अहमद

पटना, बिहार दूत न्यूज
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और पूरा सिस्टम कौमा में है।

इस तरह के सिस्टम से शर्म भी शर्मसार हो जाएगा, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार वाले जिला भोजपुर के आरा सदर अस्पताल में स्ट्रेचर की जगह भोजपुर के तरारी के बिहटा गांव की रहने वाली बुजुर्ग महिला फूलझारो देवी को स्ट्रेचर की जगह प्लास्टिक के बोरे में रखकर इलाज के लिए परिवार के द्वारा सीटी स्कैन के लिए ले जाना , ये बिहार के लिए शर्मसार करने वाली स्थिति है।

हद तो यह है कि इस तरह का मामला पहले भी होता रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और मंत्री का ध्यान इस ओर नहीं जाता है ,क्योंकि उन्हें गरीबों के बेहतर इलाज से कोई मतलब नहीं है। जहां अस्पताल का भवन निर्माण होता है ,वहां हिस्सेदारी के लिए मंत्री और विभाग के पदाधिकारी ज्यादा सजग रहते हैं। जिस तरह से हिस्सेदारी लेकर आईजीएमएस के कैंसर विभाग का भवन का निर्माण हुआ उसका परिणाम रहा कि उद्घाटन से पूर्व ही ये गिर गया और उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है,आखिर क्या कारण है।

इन्होंने ने कहा कि इस तरह की लापरवाही से यह सिद्ध होता है कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था खुद बीमार है और मंत्री को मंत्रालय पर कम ध्यान रहता है उन्हें राजनीति करने और अपने लोगों को सेट करने और लूट करने की खुली छूट देने पर ज्यादा रहता है । अगर सीटी स्कैन करवाना है,तो पहले बोरे का इंतजाम कर लीजिए ये संदेश है स्वास्थ्य विभाग का। इसी तरह का मामला कल अररिया जिले के फारबिसगंज में भी देखने को मिला जब मरीज के इलाज के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला तो परिजन ने महिला को हाथों से ही दो तरफ से पकड़ कर अस्पताल तक पहुंचाया । बिहार मे इस निठल्ली नीतीश सरकार और उसके निठल्ले मंत्री , बिहार की जनता के छाती पर सवारअमंगल स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को सिर्फ हवाबाजी करने पर ही विश्वास है
एजाज ने राज्य सरकार से अविलंब जानलेवा बुखार और स्वाइन फ्लू के प्रकोप से बचाने के लिए कारगर पहल एवं उपाय की मांग की है और कहा कि सिर्फ सरकार अलर्ट मोड पर है कह देने भर से ही बच्चों का इलाज बेहतर ढंग से नहीं हो सकता है।
इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ,आईसीयू , एनआईसीयू की व्यवस्था के साथ-साथ बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था की भी मांग की है और कहा कि अविलंब सरकार इसे सिर्फ वायरल बुखार बताकर प्रस्तुत ना करें, बल्कि इसकी गंभीरता में जाकर विशेषज्ञों से पूरे मामले की जांच करवा कर बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था जमीनी स्तर पर करवाएं। जिससे कि कोविड-19 में हुए लापरवाही जैसा कोई मामला सामने नहीं आये,क्योंकि इस बार बच्चे ज्यादा बिमार हो रहे हैं ,राज्य के करीब -करीब सभी अस्पताल के बेड फूल हैं, चाहे पीएमसीएच हो, एनएमसीएच ,आईजीएमएस, ऐम्स , डीएमसीएच और एसकेएमसीएच,भागलपुर के बड़े अस्पताल हो या अन्य जिलों में जिला अस्पताल हो सभी के बेड फुल है। इससे लगता है कि सरकार के द्वारा इसकी गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया है,जिस कारण बच्चे बड़ी संख्या में बीमार हो रहे हैं ।

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