बिहार दूत न्यूज़, पटना।
शैलपुत्री देवी माँ दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं और ये नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। माता के आगमन के प्रथम दिन भूमिहार महिला समाज के द्वारा एक ज़रूरतमंद परिवार की कन्या को गोद ले प्रथम शैलपुत्री प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई।
इसमें एक आठ वर्ष की कन्या को उसकी शिक्षा के लिए गोद लिया जा रहा।
यह भूमिहार महिला समाज पटना के द्वारा एक अनूठी पहल और समाज के लिए संदेश होगा की महिलाएँ जो कि सृष्टि कि संरचना करती हैं वो अपनी इसी संरचना को सकारात्मकता के साथ अपनी वृहद् सोच को लिए ऐसा कुछ कर भी सकतीं हैं, जो समाज के हित में हो। इस बच्ची का नाम प्रतिभा कुमारी है जिसका नामांकन सेंट सटीपन स्कूल , जो की मंदिरी में है , के प्रथम कक्षा में करवाया गया है।
इसकी पढ़ाई का सारा खर्च भूमिहार महिला समाज उठाएगा ममता आनंद ने फ़ीस की ज़िम्मेदारी ली तथा सभी कमिटी की सदस्याओं ने किताब , कॉपी , ड्रेस , स्कूल बैग आदि की जम्मेदारी ली ।
साथ ही बच्ची की दादी जो की सिलाई जानती है उनके जीविकोपार्जन के लिए एक सिलाई मशीन प्रतिमा के द्वारा दिया गया ।
बता दूँ कि भूमिहार महिला समाज हमेशा से ही ऐसे कार्यों को करता आया है ।
समाज की इस कदम से लोगों ने काफी सराहना की है। गरीब तबके के बच्ची को अब अच्छे स्कूल में पढ़ने का सपना साकार होगा।
समाज की महिलाओं ने कहा कि सच में दिल को एक सुकून सा मिलता है कि अपने लिए तो सब जीते हैं पर औरों के लिए जीयो तब न कोई बात हो ! क्यूँकि हमें पता है कि सपने उनके सच होते हैं।
और बस , हमने एक छोटी सी बच्ची को उसके हौसले की उड़ान के लिए पंख देने की एक कोशिश ही की है।
मौके पर भूमिहार महिला समाज अंजू , अमरावती ,संगीता, संध्या, भावना, इंदु माला, लता रानी, प्रीति प्रिया आदि मौजूद थी।
