बिहार दूत न्यूज, पटना
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) के राज्य मीडिया प्रभारी प्रो अरुण गौतम ने बिहार के परंपरागत विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक की जिम्मेदारी निभाने वाले 227 संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों एवं महाविद्यालय में कार्यरत लगभग 25 हजार शिक्षाकर्मियों की बेहतरी के लिए शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा जारी आदेश को तब्बजो नहीं देती और मनमानी की प्रवृत्ति अपनाकर शिक्षाकर्मियों को ह्रास एवं शोषण करने में संलग्न रहते हैं।
प्रो अरुण गौतम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शैक्षणिक सत्र 2015- 2018 से 2017-2020 तक के लिये अनुदान राशि प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन आवेदन करने के लिए 23 अगस्त 2022 को निदेशालय द्वारा सभी आठों विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा , परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसके लिए महाविद्यालयों के साथ कोई पत्राचार नहीं किया गया , जबकि महाविद्यालय को विश्वविद्यालय के माध्यम से ही यूज़र आडी और पासवर्ड आवंटित करने की कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है। लगभग दो महीने समाप्त होने के वावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं किया जाना लापारवाही का घोतक है ।
प्रो गौतम ने कहा कि यह और भी असहज करने वाला कार्रवाई है कि नवम्बर 2021 और मार्च 2022 में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ सभी पहलुओं पर जांचोपरांत 2009-12 से 2012- 2015 तक का अनुदान राशि निर्गत किया गया, उसका भुगतान भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अभी तक नहीं किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री , उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से मांग किया है कि संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों की समस्याओं के प्रति स्वयं संज्ञान लेकर समाधान की दिशा में ठोस कार्यवाही की जाय ।