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बकाया अनुदान राशि भुगतान कराने में शिक्षक एवं स्नातक विधान पार्षद असमर्थ

बिहार दूत न्यूज, पटना

दशहरा , दीपावली, चित्रगुप्त पूजा सहित सभी महान पर्व फाकाकशी में गुजरने के पश्चात संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के 25 हजार से अधिक शिक्षाकर्मी अपने परिजनों के साथ छठ पूजा के अवसर पर सूर्यदेव से अराधना करेंगे कि सूबे के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कुलसचिवों को सद्बुद्धि प्राप्त हो कि दमन एवं शोषण प्रवृत्ति का क्षय हो ताकि राज्य के उच्च शिक्षा स्तर में हो रही लगातार गिरावट पर अंकुश लग सके और विश्वविद्यालय में विधि-व्यवस्था में सुधार हो एवं पिछड़ा शैक्षणिक सत्र नियमित हो सके । बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) के प्रधान संयोजक डा शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा एवं राज्य मीडिया प्रभारी प्रो अरुण गौतम ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कुलसचिवों पर आरोप लगाया है कि सामंती सोच के पोषक का परिणाम है कि संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षाकर्मियों का शैक्षणिक सत्र 2009-12 से 2012-15 ( कुल चार शैक्षणिक सत्र ) का वेतन मद् अनुदान राशि नवंबर 2021 से ही राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को निर्गत होने के बावजूद विश्वविद्यालय द्वारा अकारण रोक रखा गया है ।

फैक्टनेब नेताओं ने बताया कि शिक्षाकर्मियों को ससमय अनुदान राशि भुगतान करने की दिशा में राज्य के शिक्षा मंत्री सहित स्नातक एवं शिक्षक विधान पार्षद का प्रयास भी विफल साबित हुआ । राजभवन सचिवालय से प्राप्त संरक्षण के बदौलत कुलपति एवं कुलसचिव अपने आप को शहंशाह मानते हुए सभी विवश और जिल्लत करने में सफलता पाई है।

डॉ सिन्हा एवं प्रो गौतम आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के शिक्षक और कर्मचारी इसे कब तक और क्यों बर्दाश्त करेंगे ? शिक्षा विभाग में बैठे उच्चाधिकारी, कुलपति एवं कुलसचिव गण अपना वेतन समय पर लेते हैं , परंतु संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के अनुदान राशि के भुगतान को मजाक बनाकर रख दिया‌ है।

फैक्टनेब नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव सामंती सोच का परित्याग कर शैक्षणिक सत्र नियमित करें और विश्वविद्यालय के विधि-व्यवस्था को सुधारने में युद्धस्तर पर कार्रवाई करें अन्यथा अपने को अक्षम मानते हुए पद त्याग कर संन्यास ग्रहण करें ।

 

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