संजय भारती , समस्तीपुर
समस्तीपुर जिला के हसनपुर प्रखण्ड क्षेत्र में मिथिलांचल का भाई बहन का अटूट प्रेम सामा चकेवा का पर्व हर्षोल्लास के साथ कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को सूयोर्दय के पहले सामा चकेवा तलाब के जल में विसर्जित कर सम्पन्न हुआ । जानकारों का कहना है कि मिथिलांचल अपनी मीठी भाषा के साथ सांस्कृतिक समृद्धि के लिए भी जाना जाता है । इन दिनो मिथिलांचल के गलियों में सामा चकेवा पर्व की धूम मची रहती है । यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के सप्तमी से ही शुरू हो जाती है जो पूर्णिमा तक बुजुर्ग महिला से लेकर लड़कियां अपने सहेलियों के साथ मिथिलांचल लोक गीतों के साथ सामा चकेवा के रंग में उत्साह के साथ रम जाती है । मिथिला की बेटियां अपने ससुराल से मायके आकर इस पर्व को काफी धूमधाम से लोक गीतों के साथ मनाती है । विसर्जन के समय महिलाएं उदास होकर समापन का गीत गाती हुई सामा चकेवा को एक घरनुमा आकर के मंडप में चखकर अपने भाई के सिर पर रखती है और फिर लोकगीतों के माध्यम से सामा को अगले साल आने का न्योता देकर तलाब में विसर्जित करने को जाती है ।