बिहार दूत न्यूज, पटना
ईडब्ल्यूएस पर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा बिहार प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण मोदी सरकार ने अपनी स्वार्थ भरी राजनीति के मध्य नजर दिया था, जिस पर अब कोलजियम सिस्टम से से बने जजों ने मुहर लगा दी है। अब 50% का सीमा रेखा खंडित हो चुका है इसलिए केंद्र की भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार अध्यादेश लाकर ओबीसी समुदाय को भी जनसंख्या के अनुपात में 52% आरक्षण के प्रस्ताव जो राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन चौधरी और अन्य प्रदेशों के प्रदेशाध्यक्ष के द्वारा पूर्व में दिए गए प्रस्ताव को पारित करे। जिससे की ओबीसी समुदाय को उनका संविधानिक और सामाजिक अधिकार मिल सके ।
वहीं राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा बिहार के प्रदेश प्रभारी एवं झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने यह साफ करते हुए कहा है कि गरीब स्वर्णो को 10% आरक्षण देने के विरोध में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा नहीं है, बल्कि उन्होंने कहा की हाल ही में देश में पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव में सत्तासीन भाजपा ओबीसी के डाटा (ट्रिपल टेस्ट) के नाम पर ओबीसी के आरक्षण को समाप्त कर रही है जो दुर्भगायपूर्ण और भाजपा की ओबीसी समुदाय के प्रति उनकी घृणित मानसिकता को दर्शाता है।
ईडब्ल्यूएस पर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा बिहार प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण मोदी सरकार ने अपनी स्वार्थ भरी राजनीति के मध्य नजर दिया था, जिस पर अब कोलजियम सिस्टम से से बने जजों ने मुहर लगा दी है। अब 50% का सीमा रेखा खंडित हो चुका है इसलिए केंद्र की भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार अध्यादेश लाकर ओबीसी समुदाय को भी जनसंख्या के अनुपात में 52% आरक्षण के प्रस्ताव जो राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन चौधरी और अन्य प्रदेशों के प्रदेशाध्यक्ष के द्वारा पूर्व में दिए गए प्रस्ताव को पारित करे। जिससे की ओबीसी समुदाय को उनका संविधानिक और सामाजिक अधिकार मिल सके ।
वहीं राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा बिहार के प्रदेश प्रभारी एवं झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने यह साफ करते हुए कहा है कि गरीब स्वर्णो को 10% आरक्षण देने के विरोध में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा नहीं है, बल्कि उन्होंने कहा की हाल ही में देश में पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव में सत्तासीन भाजपा ओबीसी के डाटा (ट्रिपल टेस्ट) के नाम पर ओबीसी के आरक्षण को समाप्त कर रही है जो दुर्भगायपूर्ण और भाजपा की ओबीसी समुदाय के प्रति उनकी घृणित मानसिकता को दर्शाता है।