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पत्रकारों पर अनदेखी का कांग्रेस नेता का आरोप अनर्गल..

नयी दिल्ली: पत्रकार संगठनों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पत्रकारों पर अनदेखी के आरोप को अनर्गल करार दिया है।

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पत्रकार संगठनों के जॉइंट फोरम के समन्वयक डॉ.समरेन्द्र पाठक ,सार्क जॉर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुशील भारती,यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेन्द्र दाधीच, पेरिओडिकाल प्रेस आफ इंडिया के प्रमुख डॉ.सुरेन्द्र शर्मा,इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राम नाथ विद्रोही एवं सेव् यूएनआई मूवमेंट के संयोजक डॉ.आर.के रमण ने यह ऐतराज जताया है।श्री गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान कवरेज को लेकर पत्रकारों पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था।

संगठनों ने कहा है,कि देश की जनता के हित में पत्रकारों ने शुरू से अहम भूमिका अदा की है और यह अभियान स्वतंत्र एवं निष्पक्ष भाव से आज भी जारी है।यही वजह है,कि श्री गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को 90 प्रतिशत पत्रकार तबज्जो दे रहे हैं।

पत्रकार संगठनों ने कहा है, कि अगर वे 10 प्रतिशत सत्ता के इर्द- इर्द घुमने वालों पत्रकारों की निष्ठा को 90 प्रतिशत सच्चे पत्रकारों को आंकने में करते हैं, तो यह दुर्भाग्य होगा।

नेताओं ने कहा है, कि वास्तविकता यह है,कि कांग्रेस नेता उन 10 प्रतिशत पत्रकारों से 90 प्रतिशत पत्रकारों के बारे में धारना बना रखे हैं,तो इसमें सारा दोष उनके मीडिया प्रबंधन एवं चाटुकार नेताओं का है,जो उन्हें जमीनी सच्चाई से दूर रखते हैं।

नेताओं ने याद दिलाया कि पंडित नेहरू ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्वतंत्र एजेंसी यूएनआई की स्थापना की थी,जिसे ख़त्म किया गया।इससे जुड़े पत्रकारों ने 2 मार्च 2014 को यूएपीए की प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी के दरवाजे पर धरना देकर इसके लिए आगाह भी किया था,किन्तु कोई पहल नहीं की गयी।

पत्रकार संगठनों ने यह भी कहा है,कि भाजपा के 8 वर्षो के शासन काल में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस उन 90 प्रतिशत निष्पक्ष पत्रकारों के वजाय 10 प्रतिशत में शामिल गिने चुने अपने चहेतों के पीछे खड़ी दिखाई दी है।ऐसी स्थिति में क्या उम्मीद की जा सकती है?

नेताओं ने यह भी कहा है, कांग्रेस ऐसी स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार है।उसे देखना चाहिए कि पत्रकारों की 90 प्रतिशत जमात के लिए उन्होंने क्या किया है?कितने लोगों को लोक सभा,राज्य सभा एवं विधानमंडलों में भेजा है?मगर उन 10 प्रतिशत में शामिल अपने चहेतों को यह मौका दिया है।

उन्होंने कहा कि इसका एक उदाहरण कांग्रेस ने हजारों करोड़ रुपये के मध्य प्रदेश के एक महाघोटाले बाज पत्रकार को राज्य सभा सांसद बनाया और बाद में उसके मुंशी को बिहार से लोक सभा प्रत्याशी बना दिया।कांग्रेस को ऐसे उपकृत होने वालों से हिसाब लेना चाहिये।

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