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फाइलेरिया दर के सही आकलन को लेकर चलाया गया एनबीएस: सिविल सर्जन

पूर्णिया, बिहार दूत न्यूज।

फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसको लेकर जिले में 19 से 24 जून तक नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया गया था। जिसके तहत ज़िले के सभी प्रखंडों के दो-दो गांवों का चयन किया गया था। चयनित स्थलों पर रात्रि में लोगों के रक्त का नमूना लिया गया था। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जिले में फाइलेरिया के प्रसार दर का सही तरीके से अनुमान लगाने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्थायी एवं रैंडम साइट के तहत नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान चलाया गया। लाइलाज बीमारी के उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ, केयर इंडिया एवं सीफार जैसी सहयोगी संगठनों के द्वारा सामुदायिक स्तर पर सहयोग किया जा रहा है।

एनबीएस की सफलता में वार्ड पार्षद सहित जनप्रतिनिधियों का मिला सहयोग: डीएमओ
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ राजेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा अभियान में सहयोग किया गया। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय वार्ड पार्षद के द्वारा भरपूर सहयोग मिला। रात्रि में 8 बजे से ब्लड सैंपलिंग का कार्य शुरू किया जाता था जो रात्रि के 12 बजे तक चलता था। इसमें 20 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष एवं महिलाओं का सैंपल लिया गया था। इसका एकमात्र उद्देश्य यही है कि फाइलेरिया के मरीज मिलने के बाद उसका तत्काल इलाज मुहैया कराकर जिले को रोग से मुक्ति दिलाना। नाइट ब्लड सर्वे अभियान में शत प्रतिशत सफ़लता के लिए सहयोगी संस्थाओं के द्वारा प्रचार वाहन के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया गया था।

लक्ष्य से अधिक लोगों का लिया गया रक्त का नमूना:
डीवीडीसीओ
जिला रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीडीसीओ) रवि नंदन सिंह ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दो स्थलों का चयन किया गया था। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चार स्थलों का चयन किया गया था। जिसमें रक्त के नमूने लेने के लिए स्थायी और रैंडम स्टॉल लगाया गया था। जिले में नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 10885 रक्त के नमूने का संग्रह किया गया। जिसमें अमौर में 600, बैसा में 600, श्री नगर में 600, के नगर में 600, पूर्णिया पूर्व पीएचसी में 651, बायसी में 603, डगरुआ में 601, जलालगढ़ में 601, कसबा में 573, बनमनखी में 604, बी कोठी में 605, रुपौली में 606, भवानीपुर में 608, धमदाहा में 615 में रक्त के नमूने लिए गए हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों की बात करें तो माधोपारा में 609, पूर्णिया सिटी में 605, माता स्थान में 606 जबकिं गुलाबबाग में 601 रक्त के नमूने लिये गए।

पीआरआई, आशा एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका सराहनीय: सलाहकार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण (डीवीबीडीसी) सलाहकार सोनिया मंडल ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान विभागीय स्तर पर होने के बाद चयनित स्थलों पर मध्य रात्रि में ही रक्त के नमूने लिए गए हैं। रक्त संग्रह के बाद उसे प्रयोगशाला भेजा गया है। जहां रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है। बता दें कि फाइलेरिया के परजीवी रात्रि के 8 बजे के बाद ही सक्रिय होते हैं। इसीलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही जानकारी मिलती हैं। इसके बाद ही विभाग द्वारा फाइलेरिया के संभावित रोगियों का समुचित इलाज किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में वार्ड पार्षद तो ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत जनप्रतिनिधियों के अलावा आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका काफ़ी सराहनीय मानी जा रही है।

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