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लोहिया,जेपी, कर्पूरी, जॉर्ज के विचारों के मिशन में बाधक पुरुष न बनें ललन सिंहः प्रो.रिंकु

दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. रिंकु कुमारी भाजपा-जदयू के बीच यूपी चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर हमलावर तेवर में कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जी की छटपटाहट और बेचैनी की वजह क्या है? यही न कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह निष्ठा और समर्पण के बलबूते राजनीति के उस मुकाम तक पहुँच गए जहां ललन सिंह उछल कूद मचाकर भी नहीं पहुँच पाएl
जरा याद कीजिये वर्ष 2010 के राजनीतिक दौर को, ललन सिंह जी ने एक भलेमानुस नीतीश कुमार के लिए क्या-क्या नहीं कहाl अपने जातीय दम्भ में आकर क्या क्या धमकी नहीं दिया! नीतीश जी के लिए होमियोपैथी डोज से लेकर आंत में दांत जैसे वाहियात शब्दों का प्रयोग किया थाl इतना सब करने के बाद भी जब कोई राजनीतिक ठौर नहीं मिला तो नीतीश जी ही सहारा बने। आज फिर वही दम्भ आरसीपी सिंह पर निकालने लगे। लगता है 2010 का भूत ललन सिंह का फिर से जाग गया है। फर्क सिर्फ इतना है तब ललन सिंह जी के निशाने पर नीतीश जी थे और अब आरसीपी बाबू हैंl
जदयू नेता ललन सिंह जी ने कैबिनेट मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कर अपनी 2010 वाली कुंठा को ही व्यक्त किया हैl किसी के सिर पर ठिकरा फोड़कर वाहवाही लूट लेना एक कमज़ोर नेता की सबसे बड़ी हार हैl दोषारोपण कर अपनी नाकामी को ही छिपाना हैl दरअसल, जिनके पास कोई वोट बैंक नहीं होता उनकी राजनीतिक शैली दोषारोपण करनेवाली तथा दूसरे के सिर ठिकरा फ़ोड़नेवाली ही होती हैl
जदयू एक सामाजिक सरोकारों वाली पार्टी हैl सामाजिक न्याय इसका प्रमुख मिशन हैl आरसीपी सिंह ने अपने छोटे से अध्यक्षीय कार्यकाल में सभी का दिल जीत लिया थाl अत्यंत पिछड़ा ….. युवा … महिला … सवर्ण …. अल्पसंख्यक सभी को महत्व देकर पार्टी को उस मुकाम पर ले गए थे जहाँ आनेवाले समय में किसी वैशाखी की जरूरत नहीं पड़तीl राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तर्ज पर विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन कर पार्टी की पहुंच हर तबके तक ले जाना थाl लगातार कार्यक्रम के माध्यम से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते रहना थाl
आज कोई पूछे कि ललन सिंह जी की अध्यक्ष के रूप में उपलब्धि क्या है ? तो रिजल्ट जीरो नज़र आएगाl प्रकोष्ठों को भंग करना …प्रभारी हटाना .. जिलाअध्यक्ष हटाना ..यही राजनीतिक कार्यक्रम रह गयाl उनकी पूरी ऊर्जा पार्टी को मजबूत करने पर नहीं बल्कि अपनी कुंठा निकलने और आरसीपी सिंह जी को कमजोर करने पर जाया हो रही है l
मीडिया के सामने जातीय जनगणना की बात उछालना हैl लेकिन अपनी राष्ट्रीय कमिटी में उसको भागीदारी नहीं देना है l ललन सिंह जी की अनोखी राजनीतिक शैली हैl उनसे पूछा जाना चाहिए कि आपने अपने राष्ट्रीय टीम में कितने #महिलाओंदलितोंअत्यंतपिछड़ोंयुवाओं को भागीदारी दिया है ?
आपने एक ऐसे स्वजातीय व्यक्ति को प्रधान महासचिव बनाया है जिनका बेटा यूपी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुका है l ऐसे व्यक्ति को बगल में बिठाकर प्रेस कांफ्रेंस करते समय आपको लज़्ज़ा नहीं आई ? लज़्ज़ा आती भी क्यों? मामला जो स्वजातीय है l
डॉ. रिंकु ने कहा कि ललन सिंह जी आपसे विनती है कि अपने अध्यक्ष पद को कुंठा निकालने का जरिया मत बनाइए। बेवजह किसी समर्पित नेता पर वाहियात टिप्पणी न करें l यह पार्टी लोहिया, जयप्रकाश, कर्पूरी, जॉर्ज के विचारों के बल पर यहाँ पहुंची है l इसके मिशन में बाधक पुरुष न बनेंl

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