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केन्द्रीय टीम ने सदर अस्पताल के विभिन्न विभागों का किया निरीक्षण

कटिहार, बिहार दूत न्यूज।

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत सदर अस्पताल कटिहार का दो सदस्यीय केंद्रीय रेपिड असेसमेंट टीम द्वारा मरीजों को मिल रही चिकित्सकीय सहायता का दो दिवसीय निरीक्षण किया गया। इसमें एक्सटर्नल असेसर के रूप में डॉ जसवंत कुमार मॉल और इंटरनल असेसर के रूप में पंकज तिवारी उपस्थित रहे।

इस दौरान केंद्रीय टीम द्वारा अस्पताल के जनरल क्लीनिक, ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, लेबर रूम, प्रसव वार्ड, एसएनसीयू वार्ड, ब्लड सेंटर, लैबोरेटरी वार्ड, फार्मेसी, पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) और परिवार नियोजन परामर्श केन्द्र का निरक्षण किया गया। सभी क्षेत्रों में निरक्षण टीम द्वारा मरीजों की जांच के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जांच करते हुए मरीजों की पंजीकरण सूची अपडेट की का निरक्षण किया गया। टीम द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं को अच्छा बताते हुए सभी विभागों में हो रही कुछ कमी को नियत समय के अंतर ठीक करने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया। टीम द्वारा बताया गया कि अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुविधाओं के मूल्यांकन के लिए एनक्यूएएस का एक मानक निश्चित किया गया है। उसके अनुसार सभी विभागों में उन मानकों के अनुसार मरीजों को मेडिकल सहायता प्रदान करने पर सरकार द्वारा संबंधित अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणीकरण किया जाता है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक देश के 25 प्रतिशत अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के अधिन करना है जिससे कि संबंधित अस्पताल में मरीजों को आसानी से सभी मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो। सदर अस्पताल कटिहार में उपलब्ध सुविधाओं का एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अच्छा प्रदर्शन है। कुछ विभागों में प्रमाणिकरण के अनुसार सुधार करने का सुझाव दिया गया है। निश्चित समय बाद इसका फिर से मूल्यांकन करते हुए इसे एनक्यूएएस प्रमाणीकरण का लाभ मिल सकेगा। इस दौरान एसीएमओ डॉ कनक रंजन, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आशा कुमारी, जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ किशलय कुमार, यूएनएफपीए जिला समन्यवक बुद्धदेव कुमार, पीएसआई जिला समन्यवक शिल्पी सिंह, अस्पताल प्रबंधक चंदन कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।

गुणात्मक सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन से मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र :

जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ किशलय कुमार ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए तीन स्तर पर संबंधित अस्पताल के उपलब्ध सुविधाओं की जांच की जाती है। इसमें जिला, राज्य व केंद्र स्तर की टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। सदर अस्पताल को राज्य स्तर से एनक्यूएएस प्रणामपत्र मिलने के बाद ही केन्द्र स्तर के टीम द्वारा इसकी जांच शुरू किया गया है। 03 और 04 मई को केंद्र से रेपिड असेसमेंट टीम द्वारा अस्पताल की जांच की गई है। जांच के अनुसार टीम द्वारा सदर अस्पताल के विभिन्न विभागों में हो रही स्वास्थ्य सुविधा के अनुसार अंक प्रदान किया जाएगा। अस्पताल के सभी विभागों को 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर इसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इसके अनुसार अस्पताल के संबंधित विभागों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सहयोग राशि प्रदान किया जाएगा। सहयोग राशि का 10 प्रतिशत अस्पताल कर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में तथा शेष राशि अस्पताल के विकास को निरंतर जारी रखने में उपयोग किया जाएगा।

प्रमाणीकरण के लिए सभी कर्मियों को मिलकर काम करना जरूरी : एसीएमओ

एसीएमओ डॉ कनक रंजन ने कहा कि अस्पताल में राष्ट्रीय स्तर के तय मानक के अनुसार व्यवस्था उपलब्ध है जिसकी जांच केंद्रीय रेपिड असेसमेंट टीम द्वारा किया गया है। जांच के बाद टीम द्वारा एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक सुझाव दिया गया है जिसे तत्काल लागू करते हुए आवश्यक सुधार क्रियान्ववित्त किया जाएगा। इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है जिससे कि जल्द से जल्द सदर अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर से भी एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सके। विकास रफ्तार को सुचारू रूप से जारी रखने पर आने वाले छः महीने में सदर अस्पताल को एनक्यूएएस के साथ साथ लक्ष्य और मुस्कान प्रमाणपत्र भी मिल सकेगा।

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