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CM से किया बीएड विभाग में अवैध नियुक्ति का शिकायत..

बिहार दूत न्यूज़/वैशाली/मुजफ्फरपुर।

बी० आरo एo बिहार विश्वविद्यालय,मुजफ्फरपुर की अंगीभूत इकाई चन्द्रदेव नारायण महाविद्यालय साहेबगंज के बीo एडo विभाग में अवैध नियुक्ति का शिकायत किया है।
ग्राम-बेलवर घाट,पोस्ट- पिरापुर मथुरा ,थाना-गोरौल जिला वैशाली के राकेश कुमार ने मुख्यमंत्री को शिकायत किया है।
उन्होंने बताया है कि हमलोगों को चंद्रदेव नारायण महाविद्यालय साहेबगंज, मुजफ्फरपुर में विज्ञापन एवं विश्वविद्यालय द्वारा गठित चयन समिति के अनुशंसा पर शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का नियुक्ति हुआ। हमलोग योगदान दिए कार्य भी किए भुगतान भी लिए भुगतान प्राचार्य एवं विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान मिला है। बाद में शिक्षकों को रहने दिए और हमलोगों को तृतीय वर्ग & चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी को हटा दिया गया ।जब की नियुक्ति एक ही विश्वविद्यालय द्वारा गठित चयन समिति के द्वारा हुआ था।

कई बिंदु पर कराया ध्यान आकृष्ट

1. महाविद्यालय के वर्तमान प्राचार्य के द्वारा दिनांक 20/07/ 2020 पत्रांक PR/73/20 के माध्यम से आवेदन विश्वविद्यालय को दिया गया था कि प्राचार्य प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा दैनिक समाचार पत्र,प्रभात खबर दिनांक 7 नवंबर 2019 में प्रकाशित विज्ञापन संख्या 01/19 के आलोक में विश्वविद्यालय पत्रांक संख्या B/ 863 दिनांक 20/06/2020 के द्वारा गठित चयन समिति के द्वारा दिनांक 08/07/2020 को लिए गए साक्षात्कार के उपरांत चयनित कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए।क्योंकि उक्त नियुक्ति से संबंधित एक याचिका संख्या- C.W.J.C-18329/2015 माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई हेतु लंबित है।

2. नियुक्ति में बिहार सरकार के सारे आरक्षण नियमों को ताक पर रखकर केवल सामान्य जाति के अपने सगे संबंधियों को नियुक्त किया गया है।
3. वर्तमान प्राचार्य के द्वारा स्वयं आवेदन दिया गया था कि उक्त नियुक्ति से संबंधित मामला उच्च न्यायालय में लंबित है।इसलिए नियुक्ति नहीं किया जा सकता है तत्पश्चात मई 2022 से 8 व्यक्तियों को विभिन्न पदों पर नियुक्ति कर भुगतान भी किया जा रहा है।
4. उक्त नियुक्ति कर प्राचार्य ने हम लोगों के भविष्य से खिलवाड़ किया है और बिहार सरकार, विश्वविद्यालय एवं माननीय उच्च न्यायालय पटना का भी अवमानना किया है।
5. उक्त नियुक्ति को जब दिनांक 20 जुलाई 2020 को ही रोक दिया गया था फिर मई 2022 में किसके आदेश से नियुक्ति की गई है और वेतन भुगतान भी किया जा रहा है।
6. उक्त नियुक्ति में 6 पदों पर तृतीय वर्ग तथा 2 पद चतुर्थ वर्ग का है।
7. उक्त नियुक्तियों में सभी 6 पदों पर सामान्य वर्ग के ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है जो वर्तमान प्राचार्यऔर बीएड विभाग के अध्यक्ष के सगे संबंधी है।
8. उक्त नियुक्ति पैसे लेकर अपने सगे संबंधियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य किया गया है जिसमें B.ed विभाग के अध्यक्ष जो खुद भी अवैध हैं उन लोगों के मिलीभगत से हुआ है।
9. यह सभी नियुक्ति बिना साक्षात्कार में शामिल लोगों की हुई है।

 

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